जिसमें हत्या के प्रयास में दस साल का कठोर कारावास व 15 हजार रुपए अर्थदण्ड तथा हत्या की धारा में आजीवन कारावास व 25 हजार रुपए अर्थदंड, आम्र्स एक्ट में 3 वर्ष का कारावास व 5 हजार रुपए जुर्माना किया। वहीं दूसरे अभियुक्त सुनील पुत्र रामशरण गुर्जर निवासी ढाकोडा हरियाणा को दोषमुक्त किया है। वहीं तीसरे अभियुक्त देवा उर्फ थावर थाना पनियाला को भगौड़ा घोषित किया है। ज्ञात रहे कि उस समय गद्दी को लेकर रामलालदास व रामानन्ददास के बीच विवाद चल रहा था।
यह था मामला
परिवादी रामलालदास ने एसएमएस अस्पताल के ट्रोमा वार्ड में दिनांक 19 मई 2015 को पर्चा बयान दिए कि वह दादू पालका भैराणा धाम में शाम करीब शाम 8 बजे खाना खा रहा था। उसी समय उनके सम्प्रदाय का जयरामदास आया और उसने कट्टानुमा हथियार तान दिया और चलाया तो नहीं चला। इस पर वह वहां से चला गया और थोड़ी देर वापस आकर सीने पर फायर करने के बाद भाग छूटा।
शोर मचाने पर जगदीश कुमावत, दानाराम गुजर, भगवानदास स्वामी उसे जीप में डालकर फुलेरा अस्पताल लाए। फिर जयपुर रैफर कर दिया गया। जहां उपचार के दौरान संत रामलालदास ने दम तोड़ दिया। इसके बाद फुलेरा थाने में जयरामदास, सुनील व देवा उर्फ थावर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। जिसमें पुलिस ने चालान पेश किया और साढ़े चार साल इस केस में फैसला आया। गौरतलब है कि हत्या के बाद दादू संप्रदाय के भक्तों में घटना को लेकर काफी रोष जाहिर किया था। यह मामला उस समय काफी चर्चा में था।