UP Board ने 9वीं से 12वीं तक के सिलेबस में बड़ा बदलाव करते हुए 30 फीसदी कोर्स हटाया, जानें कौन-कौन से अध्याय हटे

Highlights
– कोरोना महामारी के चलते यूपी बोर्ड ने लिया अहम फैसला
– यूपी बोर्ड ने पाठ्यक्रम में बदलाव करते हुए 30 फीसदी कोर्स हटाया
– शिक्षकों के साथ छात्र-छात्राओं को भी होगी ऑनलाइन पढ़ाई में आसानी

बागपत. कोरोना महामारी के कारण स्कूल नहींं खुलने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। ऐसे में ऑनलाइन शिक्षा पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है। ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान स्टूडेंट्स को किसी तरह की परेशानी न हो इसके लिए सीबीएसई और सीआईएससीई की तर्ज पर यूपी बोर्ड ने भी कक्षा 9 से 12वीं तक के सिलेबस में 30 फीसदी की कटौती कर दी है। वेबसाइट पर जारी संशोधित 131 पृष्ठ के सिलेबस में बड़े स्तर पर बदलाव किया गया है। इससे शिक्षकों को ऑनलाइन पढ़ाने के साथ ही स्टूडेंट्स को भी आसानी होगी।
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प्रभारी डीआईओएस डॉ. रेखा सिंह के अनुसार, इस 70 फीसदी सिलेबस को तीन भागों में पढ़ाया जाएगा। सिलेबस के पहले भाग को कक्षा वार, विषय वार और अध्याय वार वीडियो के जरिये ऑनलाइन पढ़ाया जाएगा। यह टीवी चैनल पर भी प्रसारित होगा। वहीं, सिलेबस के दूसरे भाग को स्टूडेंट्स को खुद ही पढ़ना होगा। इसी तरह सिलेबस का तीसरा भाग प्रोजेक्ट पर आधारित होगा। नए सिलेबस के आधार पर सभी हाईस्कूल व इंटर काॅलेजों में पढ़ाई शुरू हो चुकी है।
इसलिए लेना पड़ा फैसला

बता दें कि सिलेबस में यह संशोधन एक साल के लिए किया गया है, क्योंकि प्रवेश प्रक्रिया को इस बार 31 अगस्त तक के लिए बढ़ाया गया है। बताया जा रहा है कि पूरे सिलेबस को फरवरी तक पूरा कर पाना बेहद कठिन था। इसलिए परिषद ने सिलेबस को 30 फीसदी घटाने का फैसला लिया है।
10वीं में हटाए गए ये अध्याय

10वीं में गणित के कोर्स से बहुपदन (पॉलीनामियल) वृत्त, प्रायिकता एवं त्रिकोणमिति से सर्वसमिका के अंश को हटाया गया है। वहीं, सामाजिक विज्ञान से भारत के प्रमुख राष्ट्रीय दल एवं क्षेत्रीय दलों के कोर्स को हटाया गया है। इसी तरह विज्ञान में धातु, अधातु के गुणधर्म, आवर्त सारणी में तत्वों के वर्गीकरण के आरंभिक प्रयास, प्राकृतिक संसाधन, हमारा पर्यावरण, विद्युत प्रभाव, विद्युत चुंबकीय प्रभाव को बाहर किया गया है। हिंदी में सुमित्रानंदन पंत के चंद्रलोक में प्रथमवार, महादेवी वर्मा के वर्षा सुंदरी के प्रति, माखनलाल चतुर्वेदी के जवानी समेत समास में कर्मधारय, बहुब्रीहि को बाहर किया गया है।
12वीं में हटाए गए ये अध्याय

12वीं नागरिक शास्त्र से स्वतंत्र भारत में राजनीति को भी हटाया है। इकाई पांच एक दल के प्रभुत्व का दौर के तहत प्रथम तीन आम चुनाव, राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस के प्रभुत्व की प्रकृति, राज्य स्तर पर असमान प्रभुत्व, कांग्रेस की गठबंधीय प्रकृति, नेहरू के बाद की राजनीतिक परिपाटी, गैर कांग्रेसवाद और 1967 का चुनावी विचलन, कांग्रेस का विभाजन एवं पुनर्गठन, कांग्रेस की 1971 के चुनावों में विजय को हटाया गया है। संशोधित सिलेबस में हिंदी विषय से व्यंगकार हरिशंकर परसाई के निंदा रस को हटाया गया है। वहीं, अंग्रेजी से मर्चेंट ऑफ वेनिस को बाहर किया गया है। समाजशास्त्र में भूमंडलीकरण के आयाम से जनसंपर्क माध्यम एवं संचार विषय को भी हटाया गया है। इतिहास के कोर्स से भौतिक स्रोतों के आधार पर विभाजन में 1040 का इतिहास एवं राष्ट्रीयता, संप्रदायवाद एवं विभाजन हटा है।
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