मानसून की बेरुखी, किसान ने ढाई एकड़ में उखाड़ी ककड़ी की फसल, दिन-रात का तापमान घटा, दो-तीन दिन में बेहतर बारिश के आसार
बड़वानी. बेहतर बारिश की आस में खरीफ सीजन की बोवनी कर चुके किसान मानसून की बेरुखी से चिंता में है। शहर के समीप एक किसान ने सिंचाई सुविधा नहीं होने पर ढाई एकड़ में ककड़ी की फसल उखाड़ दी। वहीं अन्य किसान खरीफ सीजन की मक्का व अन्य फसलों के पौधों को बचाने के लिए ड्रिप पद्वति सहित टेंकर और डिब्बों से बचाने का जतन कर रहे है।
बता दें कि इस बार बार इंदिरा सागर व लोअर गोई की नहरों ने पूरी कर दी है। दुरुस्ती के चलते इंदिरा सागर नहर में भी रबी सीजन के पूर्व पानी नहीं छोड़ा जाएगा। सेगांव के संतोष जगदीश काग ने बताया कि सिलावद रोड पर नहर किनारे खेत है। नहर के भरोसे ढाई एकड़ में ककड़ी लगाई थी। दो बार तुड़ाई की। अब फसल सूख गई। ऐसे में खेत साफ करना पड़ रहा है। बाबू पिता मांगीलाल ने बताया कि कपास लगाया था। सिंचाई साधन नहीं होने से किराए के टेंकर से खेत तर कर रहे है। इसमें आर्थिक व्यय अधिक लग रहा है।
अब तक 60 फीसदी बोवनी
जिले में इस वर्ष खरीफ सीजन में कुल दो लाख 38 हजार 550 हेक्टेयर में बोवनी प्रस्तावित है। इसमें प्रमुख रुप से कपास की 74 हजार 635 हेक्टेयर में होना है। इसी तरह अनाज फसलों की 94 हजार 355 हेक्टेयर, दलहन फसलों की 12 हजार 825 हेक्टेयर और तिलहन फसलों की 45 हजार 650 हेक्टेयर में बोवनी प्रस्तावित है। जबकि 10 हजार 980 हेक्टेयर क्षेत्र में अन्य फसलें बोई जाएगी। इस लक्ष्य के विरुद्ध अब तक 60 फीसदी बोवनी हुई है।
बचाव के उपाय बता रहे
कृषि विभाग की टीम खेतों में पहुंचकर किसानों को जीवन रक्षक पद्वति से फसलों के बचाव की सलाह दे रही है। उपसंचालक कृषि केशवसिंह खपेडिय़ा ने बताया कि जिले में बीते माह तक लक्ष्य के विरुद्ध 60 प्रतिशत बोवनी हुई है। इसके बाद से बोवनी रुकी हुई है। बारिश की दूरी से खेतों में बोई फसलों की सूखने की सूचनाएं मिल रही है। जल्द बारिश नहीं हुई तो दोबारा बोवनी की भी नौबत आ सकती है।
इधर दो डिग्री गिरा दिन रात का तापमान
शुक्रवार को क्षेत्र में दिनभर धूप-बादल का सिलसिला बना रहा। मौसम विशेषज्ञों की माने तो दो-तीन दिन में तेज व बेहतर बारिश होने की पूर्ण संभावनाएं है। वहीं बादल छाने व हवाएं चलने से दिन-रात के तापमान में दो-दो डिग्री गिरावट दर्ज की गई है। कृषि विज्ञान केद्र स्थित स्वचलित मौसम केंद्र के अनुसार शुक्रवार को अधिकतम तापमान 37.6 और न्यूनतम 24.4 डिग्री सेंट्रिग्रेट रहा। जबकि एक दिन पूर्व अधिकतम 39.4 और न्यूनतम 26.6 डिग्री दर्ज किया गया था। मौसम इकाई के प्रभारी रवींद्रसिंह सिकरवार ने बताया कि राजस्थान में बने कम दबाव के सिस्टम से निमाड़ में मानसून का मौसम बनने लगा है। आगामी 48 या 72 घंटे में तेज व बेहतर बारिश हो सकती है।