106 दिन में 43 दिन शादी ब्याह के मुहूर्त, लेकिन व्यापारियों को होगा आर्थिक नुकसान, कपड़ा, केटरिंग, टेंट वालों को होगा नुकसान
सेंधवा. भले ही 21 अप्रैल से लेकर जुलाई माह तक शादियों ने कई मुहूर्त है। इसके बावजूद व्यवसाइयों में मायूसी है। आयोजनों में शासन की गाइड लाइन से जुड़ हर शख्स का आर्थिक नुकसान हो रहा है। सीमित संसाधनों और लोगों की संख्या में आयोजन करने के नियम से कई व्यवसाइयों की कमर टूट गई है।
43 दिन शादी के मुहूर्त, गाइडलाइन की मज़बूरी
रामनवमीं पर 21 अप्रैल से शादियों के शुभ मुहूर्त की शुरुआत हो रही है, उनके परिवार शादियों की तैयारियों में व्यस्त है, लेकिन इस बार शादी की तैयारियां बढ़ स्तर की औपचारिक दिख रही है। कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे ने इन परिवारों की परेशानी को अधिक बढ़ा दिया है। अप्रैल व मई माह में शादियों की धूम है, लेकिन सरकार की गाइडलाइन का पालन करना परिवारों की मजबूरी हो चुकी है। इसलिए अधिकतर आयोजन बेहद सीमित हो चुके है। लोग भी कोई रिस्क नहीं लेना चाहते है। किसी भी समारोह में मेहमानों की संख्या 100 कर दी गई थी, इसमें वरवधु दोनों के रिश्तेदार शामिल होंगे। आगामी तीन महीने में कुल 106 दिन में से 43 दिन शादियों के मुहूर्त है।
व्यापारियों का तीन माह में होगा लाखों का नुकसान
इस वर्ष जिस तरह से शादियों के बम्पर आयोजन है, उससे टैंट, केटरिंग कपड़ा ज्वेलरी सहित अन्य छोटे व्यापारियों को बेहतर व्यापार की उम्मीद थी, लेकिन बढ़ते कोरोना के कारण और शासन की सख्त गाइडलाइन के कारण व्यापारियों में मायूसी है। दीपावली के बाद कोरोना का असर कम होने के साथ ही व्यापारियों को नए साल में अच्छे व्यापर की उम्मीद थी इसके लिए व्यापारियों ने तैयारी भी की थी, लेकिन अब बंदिशों के चलते नुकसान होगा। करोड़ों रुपयों का व्यापार प्रभावित होगा।