गांवों में कैसे मिलेगा घर-घर जल, जमीन में डालने के बजाय लेवल पर डाल दिए पाइप, एसडीएम ने निरीक्षण कर जानी हकीकत
बड़वानी. गर्मी के दौरान जिले के कई क्षेत्रों में पानी के लिए हाहाकार मचता है। इसके लिए शासन स्तर से करोड़ों रुपए की राशि स्वीकृत कर जल जीवन योजना अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर नल लगाकर जल पहुंचाने की कवायद की जा रही है, लेकिन इस योजना में जिम्मेदार विभाग लापरवाही का पलीता लगा रहा है। इससे आगामी समय में ग्रामीणों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
दरअसल कलेक्टर के आदेश पर एसडीएम घनश्याम धनगर ने बड़वानी व पाटी के कुछ ग्रामों में जांच की। जिसमें कई अनियमितताएं देखने को मिली है। इसमें मौके पर हो रहे कार्य के साथ मानिटरिंग में लापरवाही देखने को मिली। जो पाइप लाइन बिछाई जाना थी उसे 90 सेंटीमीटर जमीन में डाला जाना था, लेकिन कई स्थानों पर इस मापदंड का पालन नहीं किया गया। तो कहीं 50, 60, तो कहीं उससे भी कम सेंटीमीटर पर पाइपलाइन डाली गई है। इससे असामाजिक तत्वों और जानवरों द्वारा ही उसे नुकसान पहुंचाया जा सकता है। इससे आगामी समय में लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
डाले गएप पाइप का किया निरीक्षण
नायब तहसीलदार जागर रावत व उपयंत्री ने ग्राम सजवानी, रेहगून, सजवानी खम सुस्तीखेड़ा, चिकल्या, मरदुई, वेदपुरी, टांगड़ा, होलगांव, हिरकराय में पेयजल के लिए डाले गए पाइप का निरीक्षण किया। इस दौरान सजवानी खम में छह स्थानों पर मानक स्तर नहीं पाया गया। इसी तरह पाटी नायब तहसीलदार संजय चौहान व उपयंत्री ने पाटी, वलन, डोंगरगांव, वेरवाड़ा, जूनाझिरा में काम देखा। इस दौरान वेरवाडा में दो जगह जमीन लेवल पर ही पाए गए।
गंभीर बरती गई अनियमितता
एसडीएम ने बताया कि इस योजना में निर्माण एजेंसी लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी ने गंभीर अनियमितता बरती गई है। काम में गाइड लाइन का पालन नहीं हुआ। इससे सरकार की राशि का दुरुपयोग होकर महात्वकांक्षी योजना का सही क्रियान्वयन नहीं हो पाया। उक्त कामों में काफी सुधार होना है। पूरी जांच कर प्रतिवेदन जिला कलेक्टर को भेजा। वहीं कलेक्टर ने कार्रवाई के लिए शासन को पत्र लिखा है।