PATRIKA GROUND REPORT : तीसरी लहर से पूर्व बच्चों में तेजी से फैलने लगा वायरल

20 पलंग क्षमता के शिशु वार्ड में उपचार के लिए भर्ती हैं 86 बच्चें भर्ती, जिसे जहां जगह मिल रही, वहां गद्दा बिछकर ले रहा उपचार

<p>86 children admitted in the infant ward of Barwani</p>

बड़वानी. कोरोना की दूसरी लहर के बाद तीसरी लहर की आशंका व्यक्त की जा रही है। इसमें मुख्य रूप से बच्चों को सुरक्षित रखने के प्रयास किए जा रहे है। वहीं इसके पूर्व ही छोटे बच्चों में तेजी से वायरल फैल रहा है। इससे तीसरी लहर के पूर्व ही जिला अस्पताल में सुविधा-संसाधनों का दम फूलने लगा है।
पत्रिका टीम ने गुरुवार को जब जिला अस्पताल के विभिन्न वार्डांे की पड़ताल की तो इसमें ये बात सामने आई। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि मात्र 20 पलंग क्षमता के शिशु वार्ड में चार गुना अधिक 86 बच्चे उपचारत है। इससे पलंग के साथ जगह की कमी होने लगी है। जिसे जहां जगह मिल रही हैं, वो वहां गद्दा बिछाकर उपचार करवाने को मजबूर है। जबकि ईएनटी, मेल सर्जिकल ऐसे हैं, जहां क्षमता के विरुद्ध मात्र एक-एक मरीज भर्ती है।

दो स्टॉफ नर्स पर वार्ड का जिम्मा
शिशु वार्ड में क्षमता से अधिक बच्चे भर्ती होने के बावजूद अस्पताल प्रबंधन का स्टॉफ में बढ़ोतरी की ओर ध्यान नहीं है। ड्यूटी पर तैनात रहने वाले डॉक्टर बच्चों का एक समय स्वास्थ्य चेकअप करते है। वहीं शिफ्ट में मात्र दो-दो स्टॉफ नर्स तैनात रहती है। ऐसे में इन पर कार्य का खासा दबाव देखा जा रहा है।

तीन-चार जिलों से आते हैं मरीज
उल्लेखनीय है कि जिला अस्पताल में बड़वानी सहित धार, खरगोन जिलों के मरीज बड़ी संख्या में उपचार के लिए पहुंचते है। कोरोना की दूसरी लहर थमने के बाद वर्तमान में सर्दी-खांसी व बुखार का वायरल फैलने से जिला अस्पताल की ओपीडी में मरीजों के पंजीयन में खासी तेजी आई है। दो-ढाई माह पूर्व तक जिला अस्पताल में डेढ़ सौ से 200 मरीज प्रतिदिन आ रहे थे, वहीं अब इनकी संख्या 500 से ऊपर पहुंचने लगी है।

ऐसे में कैसे होगा तीसरी लहर से बचाव
कोरोना की संभावित तीसरी लहर में बच्चों में संक्रमण का खतरा बताया जा रहा है। वहीं जिला अस्पताल में वर्तमान में बच्चों के वार्ड में ही अव्यवस्थाएं देखने को मिल रही है। क्षमता से चार गुना अधिक मरीज होने से जहां-तहां लेटाकर उपचार किया जा रहा है। इससे वायरल के साथ, डेंगू-मलेरिया और कोरोना का खतरा अधिक बढ़ गया है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता हैं कि तीसरी लहर से अस्पताल प्रबंधन किस तरह निपटने की तैयारी कर रहा है।

इनका कहना है
वर्तमान में अधिक संख्या में बच्चे उपचार के लिए आ रहे है। इससे वार्ड में क्षमता से अधिक संख्या है। वैसे नया वार्ड बन रहा हैं, उससे राहत मिलेगी। वहीं कई बच्चों की छुट्टी होने पर संख्या कम हो जाएगी। वर्तमान में दो स्टॉफ नर्स तैनात है। इसका कारण अन्य नर्सेस का प्रशिक्षण में जाना है। जल्द ही व्यवस्थाएं दुरुस्त की जाएगी।

-डॉ. अरविंद सत्य(सिविल सर्जन)

जाने किस वार्ड में कितने मरीज भर्ती
मेल मेडिकल वार्ड
-टोटल पलंग 40
-भर्ती मरीज 29
फीमेल मेडिकल वार्ड
टोटल पलंग 20
मरीज भर्ती 23

ईएनटी वार्ड
पलंग 10
मरीज भर्ती 1

मेल सर्जिकल वार्ड
पलंग 32
मरीज 1

आईसीयू वार्ड
पलंग 6
मरीज 4

शिशु वार्ड
पलंग 20
भर्ती मरीज 85

फीमेल सर्जिकल वार्ड
पलंग 10
मरीज भर्ती 10

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