आजमगढ़. एक बच्चा जिसने ठीक से चलना भी सीखा था और मां-बाप का साथ छूट गया। दादी ने पेंशन के सहारे उसका पालन पोषण किया, आज उसी पोते ने ग्राम विकास अधिकारी की परीक्षा न केवल उत्त्तीर्ण की, बल्कि टॉप-10 के की सूची में शामिल होकर जिले का गौरव बढ़ा दिया। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उसे नियुक्ति पत्र प्रदान किया। युवक की सफलता से दादी ही नहीं बल्कि पूरा गांव खुश है। लोग घर पहुंचकर दादी-पोते को बधाई दे रहे हैं।
बात हो रही है आजमगढ़ शहर से सटे हाजीपुर गांव निवासी पवन सिंह पुत्र स्व. प्रमोद सिंह की। प्रमोद के पिता प्रमोद सिंह व माता बबिता सिंह की बचपन में ही मौत हो गयी थी। पवन के बाबा इंटर कॉलेज में शिक्षक थे, लेकिन उनकी भी मौत हो चुकी थी। दादी को जो पेंशन मिलती थी उसी से परिवार चलता था। पवन की दादी ने पेंशन के सहारे न केवल उनका भरण पोषण किया बल्कि उसे अच्छी शिक्षा दी।
आर्थिक तंगी के बीच पवन ने एक साल पूर्व एमए की पढ़ाई पूरी की। पवन पढ़ाई के साथ ही दादी के काम में हाथ भी बंटाते थे। दादी का सपना था कि उनकी पोता आगे बढ़े। एमए के बाद पवन ने एक साल बाहर रहकर तैयारी की और पिछले दिनों ग्राम विकास अधिकारी पद के लिए हुई परीक्षा में शामिल हुए। परिणाम आया तो पोते के साथ दादी का भी चेहरा खिल उठा। पवन ने परीक्षा में टाप-10 में जगह बनायी थी।
दो दिन पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं पवन को नियुक्ति पत्र दिया। पवन का कहना है कि कड़ी मेहनत और दादी के त्याग ने उन्हें आज इस मुकाम पर पहुंचाया है।