बता दें कि भ्रष्टाचार से मुक्ति का दावा कर 2017 में बीजेपी यूपी की सत्ता में आयी थी लेकिन अब तक भ्रष्टाचार पर नियंत्रण नहीं हो पाया है। केवल आजमगढ़ में अब तक करीब आधार दर्जन कर्मचारी घूस लेते गिरफ्तार हो चुके हैं। अब ताजा मामला लालगंज तहसील क्षेत्र का है।
लालगंज तहसील के पल्हना ब्लाक में तैनात लेखपाल कृपा निधान गुप्ता सरकार की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री आवास का आवंटन करने के लिए एक लाभार्थी से रूपये की मांग करता है। मामले की जब शिकायत होती है, तो तहसील प्रशासन ने अपने लेखपाल के पक्ष में खड़े हो जाते हैं। आरोपों की जांच तक नहीं की जाती है।
इसके बाद पीड़ित आवास के लिए लेखपाल से मिलता है और उसे घूस देता है। लेखपाल को घूस देते हुए युवक वीडियो बनवा लेता है। वीडियो में साफ है कि लेखपाल पैसा लेने के बाद और पैसे की डिमांड करता है और पीड़ित को शाम को मिलने के लिए बुलाता है। घूस देने के बाद युवक तहसील में फिर शिकायत करता है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती। इससे लेेखपाल कृपा निधान गुप्ता का हौसला और बढ़ जाता है।
फिर क्या था प्रशासन से न्याय न मिलता देख पीड़ित ने वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दी। वीडियो वायरल होते ही प्रशासन के हाथ पांव फूलने लगे। तहसील प्रशासन मामले को मैनेज करने में जुट गया। इसी बीच यह वीडियो जिलाधिकारी राजेश कुमार तक पहुंच गयी।
जिलाधिकारी राजेश कुमार ने वीडियों को देखा और लेखपाल कृपा निधान गुप्ता को निलम्बित कर दिया। जिलाधिकारी ने बताया कि पल्हना ब्लाक में तैनात लेखपाल को पहले से ही वहां से हटा दिया गया था, बावजूद इसके उसने लाभार्थी से रिश्वत ली। जिसके कारण उसे निलंबित कर दिया गया है। जिलाधिकारी ने कहा कि किसी भी सूरत में भ्रष्टाचार करने वाले किसी भी अधिकारी और कर्मचारी को बख्शा नहीं जायेगा।