कहीं नहीं मिलेगी ऐसी मिसाल, यहां 47 साल से रोजेदारों के लिए जागता है यह हिंदू परिवार

-गले में एलार्म घड़ी बांधकर घर-घर जाकर सेहरी के लिए जगाते हैं गुलाब यादव
-कई पीढ़ियों से परिवार के लोग कर रहे है इस परंपरा का निर्वहन

<p>गुलाब यादव</p>

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
आजमगढ़. आज जब पूरा देश जाति और धर्म के नाम पर बटा हुआ हुआ है वहीं कुछ लोग ऐसे भी है जो सौहार्द और भाईचारगी को कायम रखने रखने में अपना पूरा जीवन बिता देते है। ऐसा ही एक परिवार है गुलाब यादव का जो पिछले 47 वर्षो से रोजेदारों के लिए रात भर जागता है। यह काम इस परिवार की कई पीढ़ियां करती आ रही है। अब तो इस परिवार को सम्मानित करने की भी मांग उठने लगी है।

बात हो रही है मुबारकपुर थाना क्षेत्र के कौडिया लोहिया गांव की। इस गांव में करीब 3 हजार मुसलमान रहते है। इसी गांव में एक परिवार 42 वर्षीय गुलाब यादव का भी है। यह परिवार मेहनत मजदूरी कर गुजर बसर करता है। यह परिवार दूसरे धर्म का सम्मान और लोगों की मदद अपना कर्तव्य समझता है। यही वजह है कि रोजा चाहे गर्मी में पड़े अथवा ठंड या बरसात में ये रोजेदारों की मदद के लिए खड़े रहते है।

रमजान के महीने में गुलाब यादव दिन भर मजदूरी करते हैं और रात में रोजेदारों के लिए जागते है। गुलाब प्रतिदिन रात में एक बजे गले में एक बड़ी सी एलार्म घड़ी लटकाकर निकल पड़ते हैं और रात में तीन बजे तक घर घर जाकर लोगों को सेहरी की तैयारी के लिए जगाते है। गुलाब एक दरवाजे से तब तक नहीं हटते जबतक उस घर के भीतर से किसी की आवाज नहीं आती है।

पहले यह काम गुलाब यादव के पिता चिरकिट यादव करते थे। उनके बाद इस जिम्मेदारी को गुलाब के बड़े भाई विक्रम यादव संभाली और अब पिछले दस वर्ष से गुलाब यादव लोगों को जगाने का काम कर रहे हैं। गुलाब के साथ उनका 18 वर्ष का बेटा कक्षा 10 का छात्र अभिषेक यादव भी 2 साल से घर घर जाकर जगा रहा है। लगभग 47 वर्षों से गुलाब यादव के परिवार के लोग यह जिम्मेदारी उठाते आ रहे है।

गुलाब की पत्नी श्रीमती राधिका देवी अपने पति के कार्य से खुश रहती है। गुलाब का कहना है कि यह बुनकर बाहुल्य क्षेत्र है। मुबारकपुर की नगरी में सभी जाती, धर्म के लोग एक दुसरे के धर्मों का सम्मान करते है। कारोबार दुःख-सुख में सहयोग करते रहते है। यही मानवता है। मै भी अपना कर्म कर रहा हूं। कोई भी धर्म आपस में बैर रखना सिखाता है। मेरा मानना है ईश्वर एक है कोई उसे भगवान तो कोई अल्लाह के नाम से पुकारता है। सभी उसी की संतान है। ऐसे में धर्म के आधार पर एक दूसरे को बांटना गलत है। सामाजिक कार्यकर्ता लाल बिहारी मृतक का कहना है कि गुलाब समाज के लिए एक मिसाल है। हम सभी को इनसे सबक लेना चाहिए। साथ ही सरकार की भी जिम्मेदारी बनती है कि ऐसे लोगों को सम्मानित करे ताकि लोग इनके बारे में जाने और प्रेरणा ले सके।

BY Ran vijay singh

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