70 साल में पहली बार नवरात्र में नहीं खुला दक्षिणमुखी देवी का कपाट

चैत्र नवरात्र आज शुरूबिना मां के दर्शन के ही भक्तों ने शुरू की देवी आराधनाहर साल लगती थी हजारों की भीड़, हर दिन होता था मां का श्रृंगार

<p>70 साल में पहली बार नवरात्र में नहीं खुला दक्षिणमुखी देवी का कपाट</p>
आजमगढ़. चैत्र नवरात्र आज शुरू हुआ। वैदिक मंत्रोंच्चार के बीच घरों में कलश स्थापना की गई लेकिन आजादी के 70 साल में पहली बार ऐसा हुआ जब किसी मंदिर का पट नहीं खुला। खासतौर पर दक्षिणमुखी देवी का दरबार जहां देश के विभिन्न हिस्सों से लोग मां के दर्शन के लिए आते थे। जिले में लोग तो मां का दर्शन और हवन पूजन के व्रत नहीं तोड़ते है यहां तक कि मां विध्यवासिनी के दर्शन के लिए निकलने वाले भी पहले दक्षिणमुखी मां का दर्शन करते थे फिर आगे बढ़ते थे लेकिन इस बार किसी को भी मां के दर्शन का अवसर नहीं मिला। पुजारी ने मंदिर खोला जरूर लेकिन माता रानी को भोग लगाने के बाद बंद कर दिया।
देवी मंदिरों में पुजारियों द्वारा सांकेतिक पूजा की लेकिन आस्थावानों को मंदिरों में प्रवेश के लिए मनाही है। इसका नतीजा रहा कि प्रसिद्ध देवी मंदिरों में शुमार लालगंज तहसील क्षेत्र के पल्हना बाजार स्थित पाल्हमेश्वरी धाम, निजामाबाद तहसील क्षेत्र में स्थित शीतला धाम, सदर तहसील अंतर्गत चक्रपानपुर स्थित मां परमज्योति धाम, चंडेश्वर स्थित दुर्गा मंदिर, फूलपुर क्षेत्र स्थित बुढ़िया माई मंदिर, सगड़ी क्षेत्र में धनछुला स्थित कालिका देवी मंदिर के साथ ही शहर के मुख्य चैक स्थित दक्षिणमुखी देवी मंदिर, मातबरगंज बड़ादेव स्थित दुर्गा-हनुमान मंदिर,रैदोपुर स्थित देवी मंदिर सहित तमाम देवी मंदिरों में ताले लटके रहे।
श्रद्धालुओं में पर्व को लेकर उत्साह देखा गया लेकिन मंदिर न जा पाने से सभी निराश दिखे। घरों में यजमानों ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच कलश स्थापना कराई। हर कोई माता रानी से कोरोना वायरस नाम की विपत्ति से छुटकारा दिलाने की मन्नत मांगता दिया। नवरात्र के कारण फलों के मूल्य में इजाफा देखा गया। सुबह से ही दुकानों पर भारी भीड़ रही।
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