आजमगढ़ में कलाकारों ने 130 फिट लंबे कैनवास पर उकेरा श्रीराम का पूरा जीवन

फाइन आर्ट से जुड़े कलाकारों ने 130 फिट लंबे कैनवास पर भगवान श्रीराम के जीवन का वर्णन किया है। यह चित्र चर्चा का विषय बना हुआ है। इस चित्र को वर्ल्ड रिकार्ड आफ इंडिया में दर्ज करने के लिए भेजा गया है।

<p>कलाकारों द्वारा तैयार किया गया चित्र</p>

पत्रिका न्यूज नेेटवर्क
आजमगढ़. भगवान श्रीराम लोगों की आस्था के प्रतीक है। समय-समय पर लोगों ने रामकथा का वर्णन अलग-अलग ढंग से किया है लेकिन फाइन आर्ट के जुटे बच्चों ने पूरी रामकथा को कैनवास पर उकेर दिया है। फाइन आर्ट सेंटर की निदेशिका डा. लीना मिश्रा की देखरेख में कलाकारों ने 130 फीट लंबे कैनवास पर रामकथा का वर्णन किया है। इस चित्र को वर्ल्ड रिकार्ड ऑफ इंडिया में दर्ज करने के लिए भेजा गया है। उम्मीद है कि यह पेंटिंग रिकार्ड बुक में अपना नाम दर्ज कराने में सफल होगी।

भगवान श्रीराम का चरित्र लोगों के लिए प्रेरणा का श्रोत है। तुलसीदास से लेकर तमाम लोगों ने भगवान श्रीराम के जीवन मूल्यों को अपनी लेखनी के माध्यम से समेटने की कोशिश की है। कई भाषाओं में रामयण की रचना की गयी है लेकिन फाइन आर्ट का प्रयास बिल्कुल अलग है। फाइन आर्ट सेंटर की निदेशिका डा. लीना मिश्रा और सहयोगी कलाकारों नेे उन्हें चित्रों के माध्यम से समेटने की कोशिश की है। 50 से अधिक लोगों ने मिलकर 130 फीट लंबे कैनवास पर पूरी रामायण को उकेर दिया है और वह भी लोक शैली के चित्रों से। इस कैनवास पर 54 छोटे-छोटे चित्र प्रसंगों के जरिए राम जन्म से लेकर उनके जल समाधि तक का पूरा वृतांत वर्णित है जो लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र है।

डा. लीना मिश्रा का कहना है कि वर्ल्ड रिकार्ड ऑफ इंडिया की ओर से 100 फीट का कैनवास तैयार करने का लक्ष्य दिया था मगर हमने रामायण को 130 फीट लंबे कैनवास पर उकेरा है। सबसे बड़ी बात यह है कि हमने इसमें लोक शैली का इस्तेमाल किया है। दो साल से कोरोना के कारण हम इसका प्रदर्शन नहीं कर पा रहे थे। अब इसे वर्ल्ड रिकार्ड ऑफ इंडिया को भेजा गया है। जल्द ही इसकी प्रदर्शन किया जाएगा ताकि लोगों तक यह पहंुुच सके। उन्होंने बताया कि कलाकारों ने इसे तैयार करने में कड़ी मेहनत की है। यह अपने तरह का अलग प्रयास है।

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