आजमगढ़ में 10.12 करोड़ का चावल घोटाला, मिल संचालक पर एफआईआर

पीसीएफ के गणक की तहरीर पर बरदह थाने में दर्ज हुई रिपोर्ट

<p>प्रतीकात्मक फोटो</p>

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
आजमगढ़. सरकार भ्रष्टाचार मुक्त का लाख दावा करे लेकिन यह रुकने के बजाय बढ़ता जा रहा है। ताजा मामला बरदह थाना क्षेत्र के जिवली का है जहां एक राइस मिल संचालक ने 10.13 करोड़ के सरकारी चावल का घोटाला कर दिया। जांच में चावल गबन की पुष्टि होने के बाद जिलाधिकारी के निर्देश पर पीसीएफ के गणक की तहरीर पर पुलिस ने राइस मिल मालिक के विरूद्ध रिपोर्ट दर्ज की है। प्रशासन चावल के रिकबरी की तैयारी में जुटा है।

बता दें कि वर्ष 2020 21 में पीसीएफ द्वारा समर्थन मूल्य योजना के तहत धान की खरीद की थी। धान की खरीद के बाद जिवली स्थित राइस मिल को पीसीएफ द्वारा 78784.31 कंुतल धान कुटाई के लिए दिया गया था। जिसके सापेक्ष निर्धारित 67 प्रतिशत की दर से 52 हजार 785.49 कुंतल कस्टम चावल राइस मिल संचालक को निर्धारित अवधि में भारतीय खाद्य निगम की गोदाम में जमा करना था।

मेसर्स एमएम एग्रो इंडस्ट्रीज ठेकमा के प्रोपराइटर ऋषिकेश राय पुत्र मथुरा राय द्वारा कुटाई के बाद मात्र 20630.11 कुंतल कस्टम चावल भारतीय खाद्य निगम को उपलब्ध कराया गया। 32155.38 कुंतल कस्टम चावल जमा नहीं किया गया। कई बार नोटिस के बाद भी मिल संचालक द्वारा चावल जमा नहीं कराया गया।

इस मामले में कमेटी से जांच करायी गयी तो पता चला कि मिल संचालक ने 30144.00 कुंतल चावल का गबन किया है जिसकी कीमत 10 करोड़ 13 लाख 51 हजार 828 रुपये हैं। उक्त मामले में गठित जांच कमेटी ने आठ जून को राइस मिल मिल में चावल के स्टाक व सीज कर दिया था। अब जिलाधिकारी के निर्देश पर पीसीएफ के गणक कृष्णपाल यादव की तहरीर पर पुलिस ने मेसर्स एमएम एग्रो इंडस्ट्रीज ठेकमा के प्रोपराइटर ऋषिकेश राय पुत्र मथुरा राय निवासी जीवली थाना बरदह के विरूद्ध रिपोर्ट दर्ज की है।

इस मामले में जिला विपणन अधिकारी गोबिंद उपध्याय ने बताया कि किसानों से खरीदे गए धान के चावल को मिल मिल मालिक ने जमा नहीं किया था। जांच में गबन पाये जाने पर जिलाधिकारी के आदेश पर कार्रवाई की गई। जल्द ही रिकवरी की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

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