27 वर्ष मंदिर में मनाया गया श्री रामलला का जन्मोत्सव

श्री रामलला के जन्मोत्सव पर पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कोरोना संक्रमण से मुक्ति के लिए की मिन्नतें

<p>27 वर्ष मंदिर में मनाया गया श्री रामलला का जन्मोत्सव</p>
अयोध्या : रामजन्मभूमि में 27 वर्ष के बाद भगवान श्री रामलला का जन्मोत्सव अस्थाई मंदिर में बड़े ही उत्साह पूर्वक मनाया गया। इस दौरान भगवान श्री राम लला की आरती पूजा के बाद देश में फैले कोरोनावायरस संक्रमण से मुक्ति पाने के लिए मिन्नतें की गई।
27 वर्षों के बाद भगवान श्री राम लला के पक्ष में आए फैसले के बाद भगवान श्री रामलला टेंट से निकलकर अस्थाई भवन में विराजमान हुए जहां आज उनका पहला जन्मोत्सव बड़े ही उत्साह पूर्वक मनाया गया इस दौरान ट्रस्ट के कुछ सदस्य तो वहीं सुरक्षा के अधिकारी मौजूद रहे लेकिन कोरोना वायरस के कारण रामलला के दरबार में श्रद्धालुओं नहीं पहुंच सके। परिसर में भगवान श्री रामलला का जन्मोत्सव को लेकर पहले अभिषेक किया गया उसके बाद श्रृंगार कर महाआरती भी की गई और उस समय मौजूद लोगों में प्रसाद बांटे गए। उस समय कया नजारा बेहद अद्भुत रहा क्योंकि इस समय भगवान रामलला टेंट मे नहीं अपने अस्थाई मंदिर में विराजमान थे।
आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि इस वर्ष का जन्मोत्सव बहुत ही आनंददायक रहा क्योकि 27 वर्षों से रामलला त्रिपाल में पड़े थे। जिसके कारण जन्मोत्सव को लेकर जो व्यवस्था नही हो पा रही थी अब श्री रामलला त्रिपाल से निकल कर अस्थाई ही सही मंदिर में विराजमान हैं। और बहुत ही सुंदर स्वरूप भगवान का दिखाई दे रहा है। आज जन्मोत्सव को लेकर पहले श्री रामलला स्नान कराया गया जिसके बाद पंचामृत से अभिषेक किया गया और नया वस्त्र वितरण कराया गया और तिलक चंदन मुकुट से सुसज्जित किया गया उसके बाद आरती किया गया जिसके प्रसाद को स्थान पर मौजूद सदस्यों सुरक्षा के अधिकारी व अन्य जवानों में भी बांटा गया। वही बताया कि भगवान रामलला के इस विशेष पूजा के दौरान देश भर में फैल रहे कोरोना संक्रमण से निजात मिले रामलला से मांग भी की।
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