पेट्रोल-डीजल के दामों में रिकॉर्डतोड़ बढ़ोतरी पर क्या बोले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी

देश में पेट्रोल-डीजल के दामों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी से वाहन चालक परेशान।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कही बड़ी बात।
केंद्रीय मंत्री ने देश को वैकल्पिक ईंधन की ओर रुख करने का दिया सुझाव।

<p>What Nitin Gadkari says on petrol-diesel price record hike</p>
नई दिल्ली। देश में पेट्रोल, डीजल की बढ़ती रिकॉर्ड कीमतों के बीच केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को सुझाव दिया कि देश को अब वैकल्पिक ईंधन की ओर बढ़ना चाहिए।
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मीडिया से बात करते हुए, नितिन गडकरी ने कहा, “हम भारत में 81 प्रतिशत लिथियम आयन बैटरी बना रहे हैं। मेरे मंत्रालय ने लिथियम आयन के लिए विकल्प प्राप्त करने के लिए आज पहल की है। सभी सरकारी प्रयोगशालाएं अनुसंधान कर रही हैं। मंत्रालय भी हाइड्रोजन ईंधन कोशिकाओं को विकसित करने की कोशिश कर रहा है।”
ईंधन की बढ़ती कीमतों के बारे में, गडकरी ने कहा, “मेरा सुझाव है कि देश के लिए अब वैकल्पिक ईंधन के लिए जाने का समय आ गया है। मैं पहले से ही ईंधन के रूप में बिजली का प्रचार कर रहा हूं क्योंकि भारत में अतिरिक्त बिजली है।”
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इससे पहले सोमवार को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार सातवें दिन बढ़ोतरी हुई थी क्योंकि अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतों में इजाफे ने भारत में खुदरा दरों को नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया था। राज्य के स्वामित्व वाले ईंधन खुदरा विक्रेताओं की मूल्य अधिसूचना के अनुसार पेट्रोल की कीमत में 26 पैसे प्रति लीटर और डीजल में 29 पैसे की वृद्धि हुई थी।
इस बढ़ोतरी ने खुदरा दरों को बढ़ा दिया, जो अलग-अलग राज्य में स्थानीय बिक्री कर या वैट और माल ढुलाई शुल्क के आधार पर उनके उच्चतम स्तर तक हैं।

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सड़क हादसे आधे किए जाने का लक्ष्य

इससे पहले पिछले सप्ताह केंद्रीय मंत्री ने 2025 तक सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों में 50 फीसदी की कमी लाने के लिए सभी हितधारकों से चौतरफा कोशिशें करने का आह्वान किया था। देश में रोड एक्सीडेंट्स को चिंताजनक बताते हुए गडकरी ने कहा था कि हम दुनिया में सड़क हादसों में अमरीका और चीन से आगे होने के साथ ही पहले नंबर पर हैं।
अंतर्राष्ट्रीय सड़क महासंघ, इंडिया चैप्टर द्वारा शुरू की गई “भारत में सड़क सुरक्षा चुनौतियां और एक कार्य योजना तैयार करने” संबंधी विषय पर वेबिनार श्रृंखला के उद्घाटन अवसर पर गडकरी बोल रहे थे। बता दें कि देश में हर साल सड़क दुर्घटनाओं में तककरीबन डेढ़ लाख लोगों की मौत हो जाती है। जबकि 4.5 लाख से अधिक लोग घायल होते हैं। सड़क हादसों में रोजाना 415 लोगों की मौत होती है। इन सड़क दुर्घटनाओं से जीडीपी का 3.14 फीसदी सामाजिक-आर्थिक नुकसान होता है और 70 फीसदी मौतें 18 से 45 वर्ष की आयु वर्ग में होती हैं।

अमित कुमार बाजपेयी

पत्रकारिता में एक दशक से ज्यादा का अनुभव. ऑनलाइन और ऑफलाइन कारोबार, गैज़ेट वर्ल्ड, डिजिटल टेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल, एजुकेशन पर पैनी नज़र रखते हैं. ग्रेटर नोएडा में हुई फार्मूला वन रेसिंग को लगातार दो साल कवर किया. एक्सपो मार्ट की शुरुआत से लेकर वहां होने वाली अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों-संगोष्ठियों की रिपोर्टिंग.

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