Budget 2021: जानिए ऑटोमोबाइल सेक्टर को क्या मिला?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को पेश किया 2021 का आम बजट।
बुनिया ढांचे में भारी निवेश से भारी-निर्माण वाहनों की बिक्री-उत्पादन बढ़ने की उम्मीद।
वाहनों को नष्ट करने की नीति भी ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए हो सकती है बेहतर।

<p>What is there for Automobile Sector in Budget 2021</p>
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को आम बजट 2021 की घोषणा करते हुए भारत के ऑटोमोबाइल सेक्टर को राहत की खबर दी। पुराने वाहनों को नष्ट करने की नीति (व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी) की घोषणा के साथ ही ज्यादा बसों को शामिल करके सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को बढ़ाने की योजना और बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के फैसले को लागू करने से संभवता ऑटो उद्योग में खुशी की लहर छाई है।
वर्ष 2019 के बाद से बिक्री में तेजी से मंदी देख रहा ऑटो सेक्टर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार से आग्रह कर रहा है कि आने वाले वर्षों में उपायों की शुरूआत की जाए। सबसे पहले तो बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को केंद्रीय बजट 2021 पेश करते हुए घोषणा की कि वाहन नष्ट करने की योजना शुरू की जाएगी जिसमें 15 साल या उससे अधिक पुराने वाणिज्यिक वाहन और 20 वर्ष से अधिक पुराने निजी वाहनों को स्क्रैप किया जाएगा। इस योजना के विवरण की घोषणा सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) द्वारा की जाएगी।
इसके अलावा सीतारमण ने अपने भाषण में देश भर में बुनियादी ढांचे को विकसित करने में 5.54 ट्रिलियन के पूंजी निवेश की भी घोषणा की, जिससे भारी और मध्यम वाणिज्यिक वाहनों की मांग को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
केंद्र सरकार भारतीय शहरों में सार्वजनिक परिवहन को बेहतर बनाने के लिए 18,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी और इसके लिए 20,000 बसें खरीदेगी। यह कदम बस सेगमेंट को एक मजबूती प्रदान करेगा, जिसकी बिक्री कोविड-19 के प्रतिकूल प्रभाव के कारण बेहद प्रभावित हुई थी।
सीतारमण ने कहा, “हम भारत में सार्वजनिक परिवहन को बढ़ाने की योजना के लिए 18,000 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे। यह योजना ऑटो सेक्टर को बढ़ावा देगी और हमारे युवाओं के लिए रोजगार प्रदान करेगी। यह हमारे शहरों में गतिशीलता को भी आसान बनाएगा।”
वहीं, व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी ईंधन कुशल वाहनों को बढ़ावा देने और हमारे शहरों में प्रदूषण को कम करने में मदद करेगी।

क्या होंगे प्रभाव

वित्त वर्ष 2019 की दूसरी छमाही से इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग और फाइनेंशियल सर्विसेज के दिवालिया होने से गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के बीच तरलता का संकट पैदा हो गया था, जो ऑटो उद्योग के कुछ प्रमुख ऋणदाता हैं। ईंधन की ज्यादा कीमतें, धीमी अर्थव्यवस्था में कमजोर उपभोक्ता और सुरक्षा और उत्सर्जन पर नए सरकारी नियमों को पूरा करने के लिए वाहन की कीमतों में वृद्धि से वित्त वर्ष 2020 में वार्षिक कार बिक्री में गिरावट आई।
उद्योग से जुड़े लोगों का कहना है कि इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण में एक मजबूत कदम सड़कों, रेलवे, आर्थिक गलियारों सहित भारी और मध्यम शुल्क वाले वाणिज्यिक वाहनों की मांग को बढ़ाने में मदद करेगा।

गौरतलब है कि सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) ने इस वित्त वर्ष में सभी श्रेणियों में वाहन बिक्री की 25 से 45 फीसदी की गिरावट की भविष्यवाणी की है। यात्री वाहनों की बिक्री साल-दर-साल के हिसाब से अप्रैल से दिसंबर तक 16 फीसदी गिर गई।

अमित कुमार बाजपेयी

पत्रकारिता में एक दशक से ज्यादा का अनुभव. ऑनलाइन और ऑफलाइन कारोबार, गैज़ेट वर्ल्ड, डिजिटल टेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल, एजुकेशन पर पैनी नज़र रखते हैं. ग्रेटर नोएडा में हुई फार्मूला वन रेसिंग को लगातार दो साल कवर किया. एक्सपो मार्ट की शुरुआत से लेकर वहां होने वाली अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों-संगोष्ठियों की रिपोर्टिंग.

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