IIT दिल्‍ली रिसर्च सेंटर ने 1948 मॉडल volkswagen beetle को बदला पॉल्‍यूशन फ्री इलेक्ट्रिक वाहन में

CERCA) ने शुरू की इलेक्ट्रिक मोबिलिटी पर अपनी पहल।
ई-मोबिलिटी गृह की सुरक्षा के लिए भी सबसे सफल उपाय।
IIT दिल्ली के निदेशक, प्रो. वी. रामगोपाल राव ने कहा इलेक्ट्रिक वाहन समय की जरूरत।

इंस्टीट्यूट ऑफ एक्सिलेंस फॉर रिसर्च ऑन क्लीन एयर (CERCA) ने इलेक्ट्रिक मोबिलिटी पर अपनी पहल शुरू कर दी है। CERCA ने यह पहल इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, दिल्ली, (IIT दिल्ली) में 1948 मॉडल ‘वोक्सवैगन बीटल’ (volkswagen beetle) को इलेक्ट्रिक वाहन में बदलकर की। इसके लिए 16 नवंबर को एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में हेरिटेज मोटरिंग क्लब ऑफ इंडिया के कई सदस्यों ने भाग लिया। बता दें कि volkswagen beetle भारत की पहली विंटेज कार है, जिसे इलेक्ट्रिक वाहन में बदला गया है।
ऑटोमोबाइल उद्योग में ई-मोबिलिटी एक मूलमंत्र
volkswagen beetle की इस विंटेज इलेक्ट्रिक कार की लॉन्चिंग के मौके पर IIT दिल्ली के निदेशक, प्रो. वी. रामगोपाल राव ने कहा कि ऑटोमोबाइल उद्योग में ई-मोबिलिटी एक मूलमंत्र रहा है। साथ ही उन्होने कहा कि ई-मोबिलिटी गृह की सुरक्षा के लिए भी सबसे सफल उपाय है। उन्होंने कहा कि पिछली आधी सदी में वाहनों के उत्सर्जन से प्रदूषण बढ़ा है, जिसके परिणामस्वरूप जलवायु परिस्थितियों में प्रतिकूल परिवर्तन देखा गया है।
समय की जरूरत है इलेक्ट्रिक वाहन
रामगोपाल राव ने कहा कि अब इलेक्ट्रिक वाहन समय की जरूरत है और सबसे सही विकल्प भी है। पहले ही बहुत नुकसान हो चुका है और अब इसको रोकने का समय है। भारतीय स्टार्टअप इस क्षेत्र में विशेष रूप से बैटरी टेक्‍नोलॉजी, व्हीकल डाइगनोस्टिक, विश्लेषण और चार्जिंग में क्रांति ला रहे हैं। अब वह समय दूर नहीं जब भारत भी EV Capitals की लीग में शामिल हो जाएगा।
यह भी पढ़ें—हैरान कर देगा Volvo के इस 30 मीटर की कार ड्रॉप-क्रैश टेस्टिंग का वीडियो

वायु प्रदूषण को रोकने सबसे सटीक उपाय
इस कार्यक्रम में CERCA के संस्थापक और IIT दिल्‍ली के पूर्व छात्र अरुण दुग्गल ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन वायु प्रदूषण की समस्या को रोकने के सबसे सटीक उपयों में से एक है।
वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए टेक्‍नोलॉजी और इनोवेशन का उपयोग जरूरी है। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन को 100 प्रतिशत उत्सर्जन-मुक्त माना जाता है क्योंकि वे पर्यावरण में कोई भी विषैली गैस नहीं छोड़ते हैं।
यह भी पढ़ें—2030 तक पेट्रोल कारों की बिक्री पर प्रतिबंध! ब्रिटेन के पीएम कर सकते हैं घोषणा

beetel_2.png
वेस्टर्न देशों में हजारों क्लासिक गाड़ियां इलेक्ट्रिक वर्जन में बदलीं
हेरिटेज मोटरिंग क्लब ऑफ इंडिया के सचिव दिलजीत टाइटस ने कहा कि वेस्टर्न देशों में हजारों क्लासिक गाडि़यों को इलेक्ट्रिक वर्जन में बदल दिया गया है।
साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसी कारों को इलेक्ट्रिक वाहन में बदलना महत्वपूर्ण अपग्रेड और पर्यावरण के अनुकूल है। भारत में भी कई लोग क्लासिक्स गाड़ियों के मालिक हैं। CERCA की इस पहल के बाद ऐसे लोगों को आगे आना चाहिए और अपनी कारों में से कम से कम एक को इलेक्ट्रिक वेरिएंट में बदलना चाहिए।
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.