BS-VI Norms आज से शुरू, यहां जानिए इसके बारे में सब कुछ

भारत सरकार ने वाहनों से निकलने वाले प्रदूषण कारी तत्वों को नियंत्रित करने के लिए मानक तय किए हैं जिन्हें बीएस यानी भारत स्टेज कहते हैं।

<p>Bs6 Norms Implemented From Today</p>

नई दिल्ली: आज यानी 1 अप्रैल 2020 से पूरे देश में BS-VI Norms लागू हो गए हैं। अब देश में किसी भी bs4 वाहन का प्रोडक्शन नहीं किया जाएगा साथ ही आज से bs4 वाहनों की बिक्री भी बंद थी लेकिन लॉक डाउन की वजह से इस डेडलाइन को बढ़ा दिया गया है और अब 15 अप्रैल से 24 अप्रैल तक bs4 वाहनों की बिक्री की जा सकती है। आज हम आपको BS6 Norms के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं।

जाने क्या है BS

जिन लोगों के पास वाहन है उनमें से ज्यादातर लोग नहीं जानते कि आखिर बीएस नॉर्म्स है क्या तो आपको बता दें कि भारत सरकार ने वाहनों से निकलने वाले प्रदूषण कारी तत्वों को नियंत्रित करने के लिए मानक तय किए हैं जिन्हें बीएस यानी भारत स्टेज कहते हैं। यह मानक केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से निर्धारित किए जाते हैं।

आपको जानकर हैरानी होगी कि वाहनों से जो सबसे घातक प्रदूषण कारी तत्व निकलते हैं उनमें मुख्य रूप से कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, हाइड्रोकार्बन, नाइट्रोजन ऑक्साइड और पार्टिकुलेट मैटर यानी पीएम शामिल है जो हमारे पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते है।

bs4 और bs6 नॉर्म्स में अंतर ( BS6 vs BS4 )

bs4 और bs6 नॉर्म्स में काफी बड़ा अंतर है और प्रदूषण फैलाने के मामले में bs4 नॉर्म्स वाले वाहन कहीं ज्यादा आगे जबकि bs6 नॉर्म्स वाले वाहनों में काफी कम पॉल्यूशन होता है। जानकारी के मुताबिक ज्यादातर ( bs6 Vehicle ) वाहनों में bs4 वाहनों की तुलना में 80% तक कम प्रदूषण कारी तत्वों का उत्सर्जन होता है ( BS6 Engine ) ( BS6 Fuel ) ।

bs4 के बाद सीधा bs6 नॉर्म्स

अभी तक हमारे देश में bs4 नॉर्म्स वाले वाहन चलते थे या उससे पहले के नॉर्म्स वाले वाहन मौजूद थे लेकिन ज्यादातर लोगों को लगता है कि bs4 के बाद आखिर सीधा bs6 नॉर्म्स वाले वाहन क्यों लाए जा रहे हैं जबकि जबकि मार्केट में अभी bs5 लाना चाहिए था। ऐसे में आपको बता दें कि पॉल्यूशन लेवल इतना तेजी से बढ़ रहा था कि सरकार ने bs5 मानक वाले वाहन छोड़ कर सीधे bs6 नॉर्म्स वाले वाहनों को लाने का फैसला लिया और इसके लिए सभी ऑटोमोबाइल कंपनियों को तकरीबन 1 साल का समय दिया गया था जो पूरा हो चुका है और अब bs6 नॉर्म्स पूरी तरह से भारत में लागू किए जा चुके हैं।

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