इटावा-लखनऊ हाईवे पर औरैया शहर से करीब छह किमी पहले शिवजी ढाबा पर शुक्रवार रात में राजस्थान से चूना लेकर पटना जा रहे ट्राला ने गाजियाबाद से सागर (मप्र) के लिए बुक कराकर लाई गई डीसीएम को टक्कर मारी थी। इसमें 26 की जान गई ओर 42 घायल हुए थे। मृतकों में सर्वाधिक 12 झारखंड, छह प. बंगाल, चार बिहार, तीन उत्तर प्रदेश व एक मध्य प्रदेश के थे। प्रशासन ने शवों को तीन डीसीएम से बोकारो भिजवाने की व्यवस्था कराई। एक में पांच, दूसरी में चार व तीसरी में तीन शव रखे। क्वारंटाइन 10 घायलों को भी शवों संग बैठा दिया गया। गंभीर रूप घायल एक व्यक्ति यह हकीकत बताई।
शवों संग घायल क्यों बैठाए, पूछेंगे :- औरैया डीएम अभिषेक सिंह का कहना है कि झारखंड के सबसे ज्यादा शव थे, इसलिए डीसीएम में उचित व्यवस्था करके भिजवाने का निर्देश दिया था। बाकी जगह एंबुलेंस से शव भेजे गए थे। शवों संग घायल क्यों बैठाए, एआरटीओ से पूछेंगे।
कईयों पर गिरी गाज :- एसपी सुनीति ने चेकिंग में लापरवाही के लिए उपनिरीक्षक रामजीत सिंह, मुख्य आरक्षी पुनूलाल व शिवपाल, आरक्षी विजय सिंह, प्रवीण कुमार, शेखर, सिद्धार्थ व अंशू को निलंबित कर दिया है। एएसपी ने जांच रिपोर्ट में कहा था कि थाना अजीतमल स्थित अनंतराम टोल प्लाजा से मजदूर मालवाहनों से आए। पुलिस टीम ने कोई ध्यान नहीं दिया। मुख्यमंत्री के निर्देश पर इंदिरापुरम, कोसीकलां व फतेहपुर सीकरी थाने के इंस्पेक्टर पहले ही निलंबित किए जा चुके हैं।
झारखंड मुख्यमंत्री का अनुरोध :- झारखंड मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहाकि प्रवासी कामगार के प्रति यह अमानवीय बर्ताव संभवत: रोका जा सकता है। मैं यूपी सरकार व नीतीश कुमार के ऑफिस से अनुरोध करता हूं कि झारखंड बॉर्डर तक के लिए समुचित ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था करें और हम उनके घर बोकारो के लिए उचित गरिमापूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे।