भारतीय खुफिया एजेंसियों ने पहले पाकिस्तान (Pakistan) द्वारा जनवरी और मार्च के बीच खोले गए ट्विटर खातों द्वारा सोशल मीडिया पर नई दिल्ली और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने की कोशिश की थी। सरकार को सौंपी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रैल में खोले गए 7 हजार खातों को पाकिस्तान से संचालित किया था।
इन ट्वीट्स (tweets) पर कुछ स्थनीय लोगों के कमेंट हैं। यह कमेंट सिर्फ भारत के खिलाफ हैं। इसमें आम लोगों को गलत संदेश दिए जाते हैं। एक उदाहरण के अनुसार, रिपोर्ट में खाड़ी देश के एक प्रमुख राष्ट्रीय के ट्विटर हैंडल को सत्यापित किया गया है जो कश्मीर में मुसलमानों के उत्पीड़न के दावों से किया गया था। एक कैप्शन के साथ मृत व्यक्ति की तस्वीर,’कश्मीर में लोगों का उत्पीड़न’ है। जब सुरक्षा अधिकारियों ने जांच की, तो उन्होंने पाया कि तस्वीर 14 सितंबर 2018 को जम्मू-कश्मीर के धृति गांव में 2 पाकिस्तानी आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में मारे गए एक जैश आतंकवादी की थी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव का कहना है इन ट्वीट के जरिए इस्लामोफोबिया को फैलाने की साजिश हैै। इसका सबसे अधिक खतरा यहां पर रह रहे भारतीयों पर पड़ सकता है। हालांकि ये ट्वीट दो देशों के संबंधों पर असर नहीं डाल सकते हैं। उन्होंने कहा कि ये पाकिस्तान की खीज है कि वह भारत को बदनाम करना चाहता है। कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद से पाकिस्तान सोशल मीडिया पर भारत विरोधी अभियान चला रहा है।