इस बार के स्वतंत्रता दिवस समारोह में तमिल भाषा ( Tamil Language ) में राष्ट्रगान ( National Anthem ) नहीं गाया जाएगा। गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने सोमवार को इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि राष्ट्रगान केवल सिंहली भाषा में होगा।
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माना जा रहा है कि सरकार ने बहुसंख्यक सिंहली समुदाय ( Sinhalese community ) के लोगों को प्राथमिकता देते हुए उन्हें खुश करने के लिए यह कदम उठाया है। बता दें कि वर्ष 2015 में तत्कालीन श्रीलंका सरकार ने अल्पसंख्यक तमिल समुदाय से सामंजस्य स्थापित करने के लिए स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान तमिल राष्ट्रगान को भी शामिल किया था।
श्रीलंका के संविधान में दोनों भाषाओं में राष्ट्रगान गाने का प्रावधान
आपको बता दें कि श्रीलंका के राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे ( President Gotabaya Rajapaksa ) ने नवंबर में अपने शपथ ग्रहण समारोह के बाद बौद्ध धर्म को प्राथमिकता देने की बात कही थी। उसी दौरान यह भी खबर सामने आई थी कि आगामी स्वतंत्रता दिवस पर तमिल भाषा में राष्ट्रगान नहीं गाया जाएगा।
श्रीलंका के संविधान में यह प्रावधान है कि सिंहली और तमिल दोनों में ही राष्ट्रगान गाया जाए। राष्ट्रगान का तमिल संस्करण ‘श्रीलंका थये’ सिंहली भाषा के ‘नमो-नमो माता’ का अनुवाद है।
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तमिलों के राष्ट्रीय स्तर के नेता मनो गणेशन ने कहा कि तमिल राष्ट्रगान तमिल भाषी समुदाय की पहचान है। गृह राज्य मंत्री मनिंदा समरसिंघे ने पिछले सप्ताह कहा था कि स्वतंत्रता दिवस के मुख्य समारोह में राष्ट्रगान केवल सिंहली में होगा, लेकिन राज्यस्तरीय समारोहों में राष्ट्रगान के तमिल संस्करण की अनुमति होगी।
मालूम हो कि श्रीलंका की आबादी 2.1 करोड़ है। इसमें बौद्ध धर्म को मानने वाले सिंहली बहुसंख्यक है। देश में 12 फीसद हिंदू हैं, जिनमें ज्यादातर तमिल मूल के हैं।