किम जोंग की बहन किम यो जोंग ने एक बयान में कहा,पत्र में डीपीआरके (डेमोक्रेटिक पीपल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया यानी उत्तर कोरिया) और संयुक्त राज्य अमरीका के बीच संबंध बढ़ाने की एक योजना के बारे में बात की गई है। इसमें कोरोना वायरस की मुश्किल परिस्थितियों का भी जिक्र किया गया हैै। पत्र में कोरोना वायरस की महामारी से निपटने पर जोर दिया गया है।
यह परीक्षण ऐसे समय में किया गया है जब अमरीका के साथ एटमी समझौते की योजना फिलहाल रुकी पड़ी है और उधर उत्तर कोरिया लगातार अपनी सैन्य क्षमता बढ़ाने पर तुला है। एक तरफ पूरी दुनिया में कोरोना वायरस की महामारी ने जानलेवा रूप धारण कर लिया है, वहीं दूसरी ओर उत्तर कोरिया के मंसूबे एटमी हथियारों को एकत्र करना है।
इसे देखते हुए राष्ट्रपति ट्रंप ने किम जोंग उन को पत्र लिखा है और और संबंधों को बेहतर करने की अपील की है। वहीं दूसरी ओर सियोल की सेना ने उत्तर कोरिया से फौरन ऐसे परीक्षण बंद करने का आग्रह किया है। वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि पत्र के माध्यम से ट्रंप यह दर्शना चाहते हैं कि वह युद्ध के बजाय शांति के पक्ष में हैं। किम जोंग का कहना है कि उसके यहां एक भी कोरोना के मामले नहीं है। मगर बताया जा रहा है कि उत्तर कोरिया में हालात बिगड़े हुए हैं। इससे निपटने के उनके पास पर्याप्त बंदोबस्त नहीं है।