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कुरान का हवाला देकर पाकिस्तान के पीएम ने कहा कि वह दुनिया भर में कश्मीरियों के मामले को उनके “राजदूत और वकील” के रूप में वे मुद्दे को उठाते रहेंगे। इमरान का यह भाषण 25 जुलाई को पीओके में होने वाले आगामी चुनावों के बीच आया है। बढ़ते कर्ज के साथ आर्थिक रिकॉर्ड को लेकर खान ने अपने भाषण में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के आर्थिक मॉडल और चीन द्वारा अपनाए गए “ह्यूमेनिटी फर्स्ट” दृष्टिकोण की सराहना की।
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पीएम मोदी और भारत पर इमरान का यह हमला ऐसे समय हुआ है जब अफगानिस्तान में तालिबान की कार्रवाइयों के संबंध पाकिस्तान की भूमिका पर लगातार सवाल उठ रहे हैं और इमरान इससे बच रहे हैं। सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देने की चिंताओं के बीच भारत के साथ रुकी हुई वार्ता को लेकर उन्होंने “आरएसएस की विचारधारा” पर आरोप लगाया है। जब मीडिया ने इमरान से पूछा कि क्या बातचीत और आतंक एक साथ चल सकती है। इस पर खान ने कहा कि वे भारत से कहेंगे कि हम लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं कि कब एक सभ्य पड़ोसियों की तरह रहें। लेकिन हम क्या कर सकते हैं? आरएसएस की विचारधारा आड़े आ गई है।”