Bangladesh से नजदीकी बढ़ा रहा पाकिस्तान, इमरान ने हसीना से फोन पर की बात

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चीन (China) से बढ़ते तनाव के बीच दोनों नेताओं के बीच बातचीत भारत के लिए चिंता का विषय।
पाक का बयान, कोरोना वायरस (Coronavirus) के प्रसार को रोकने के लिये दोनों देशों ने उठाए कदमों पर चर्चा की।

<p>पाक पीएम इमरान खान और बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना।</p>
इस्लामाबाद। भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव को लेकर पाकिस्तान (Pakistan) अपनी रोटियां सेकने में लगा है। वह अब बांग्लादेश से नजदीकी बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। बुधवार को पाकिस्तान के पीएम इमरान खान (Imran khan) ने बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना (Sheikh Hasina) से बात की। बताया जा रहा है कि इस दौरान दोनों नेताओं ने कोरोना वायरस की रोकथाम को लेकर उठाए गए कदमों पर चर्चा की।
इमरान खान से बातचीत पर कई सवाल

इस बातचीन को लेकर कई मायने निकाले जा रहे हैं। इससे पहले इमरान नेपाल के पीएम केपी शर्माओली (KP Sharma Oli) से बातचीत का समय मांग चुके हैं। चीन के समर्थन में इमरान खान लगातार भारत के पड़ोसी देशों को अपने पाले में लाने की कोशिश में जुटा हुआ है। इस दौरान बांग्लादेश के पीएम इमरान खान से बातचीत पर कई सवाल पैदा करता है।
श्रीलंका को भी फांस रहा चीन

वहीं श्रीलंका को फिर से कर्ज की एक किश्त देकर चीन उसे अपने पाले में करने की कोशिश कर रहा है। इससे पहले कोरोना से निपटने के लिए चीन ने भारी मात्रा में मास्क, पीपीई किट और वेंटिलेटर की खेप देकर उसे अपना रहमों तले दबाने की कोशिश की है। उधर श्रीलंकाई राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और पीएम महिंदा राजपक्षे ने भारत से कर्ज को चुकाने के लिए और समय की मांग की है।
15 मिनट तक दोनों नेताओं में हुई बातचीत

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से एक बयान दिया गया कि 15 मिनट तक टेलीफोन पर हुई बातचीत के दौरान खान ने बांग्लादेशी नेतृत्व द्वारा संक्रमण रोकने के लिये उठाए गए कदमों की सराहना की है। हसीना को लोगों की जान और आजीविका बचाने के लिए किए गए उपायों के बारे में भी इमरान ने जानकारी ली।
कश्मीर पर भी बात

पाक पीएम इमरान खान ने विकासशील देशों को ऋण राहत की अपनी वैश्विक पहल के बारे में चर्चा की। उन्होंने बांग्लादेश में हाल में आई बाढ़ से हुए जान-माल के नुकसान पर अफसोस व्यक्त किया है। दक्षेस के प्रति पाकिस्तान की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए खान ने सतत शांति और समृद्धि के लिये इस्लामाबाद और ढाका में क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने के महत्व को भी रेखांकित किया। बयान में कहा गया कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान पर भी जोर दिया।
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