गौरतलब है कि बीते माह हुए विमान हादसे में पायलटों की लापरवाही की बात सामने आई है। इस हादसे में 97 लोगों की जान चली गई। जांच में पाया गया कि हादसे के समय पायलट एक दूसरे से बातों में मशगूल थे। इस दौरान उन्होंने जरूरी निर्देशों की अनदेखी की है। इस हादसे के बाद से पायलटों की योग्यता को जांचने का प्रयास किया गया। जब जांच शुरू हुई तो कई बाते सामने आईं। कई पायलटों के पास जरूरी ट्रेनिंग के साथ योग्यता नहीं पाई गई।
पीआईए के प्रवक्ता अब्दुल्ला खान का आरोप है कि बर्खास्त किए गए 63 कर्मचारियों में से पांच कैप्टन हैं। इन्हें फर्जी लाइसेंस रखने के आरोप में निकाला गया। वहीं 28 कर्मचारियों को फर्जी प्रमाणपत्रों के कारण और 27 कर्मचारियों को बिना सूचना के अनुपस्थित रहने के कारण ये कार्रवाई की गई है। अधिकारियों के अनुसार, दो कर्मचारियों को वित्तीय अनियमितता और एक कर्मचारी को अयोग्यता के कारण बाहर किया गया है।
इसके अलावा, इनमें से चार कर्मचारियों की वेतन वृद्धि रोक दी गई है। प्रवक्ता के अनुसार पीआईए ने बिना किसी दबाव के सजा देने की पूरी प्रक्रिया निभाई है। बीते माह पीआईए ने संघीय कैबिनेट के आदेश पर 17 पायलटों पर कार्रवाई की है। फर्जी उड़ान लाइसेंस के कारण बर्खास्त कर दिया। इनमें 12 कप्तान और पांच अधिकारी शामिल हुए।