गिलगित-बाल्टिस्‍तान में जोरदार प्रदर्शन, POK की जेल में बीते नौ साल से बंद हैं राजनीतिक कार्याकता

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हुंजा इलाके में स्‍थानीय लोगों ने जेल में बंद कार्यकर्ताओं को रिहा करने की मांग की।
इन कार्यकर्ताओं को दंगे करने और नुकसान पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

<p>गिलगित-बाल्टिस्‍तान में जोरदार प्रदर्शन।</p>
हुंजा। पाकिस्‍तान अधिकृत कश्‍मीर (POK) के गिलगित-बाल्टिस्‍तान इलाके में गुरुवार को स्थानीय लोगों ने जेल में बंद कार्यकताओं की रिहाई के लिए प्रदर्शन किया। हुंजा इलाके में हजारों की संख्या में स्‍थानीय लोगों ने वर्ष 2011 से जेल में बंद राजनीतिक कार्यकर्ताओं को रिहा करने की मांग की। इन राजनीतिक कार्यकर्ताओं को दंगे के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
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अवामी वर्कर्स पार्टी के नेता समेत कई राजनीतिक कार्यकर्ताओं को एक आतंकवाद निरोधक अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इन लोगों को पुलिस की गोलीबारी में एक व्‍यक्ति और उसके बच्‍चे की मौत को लेकर प्रदर्शन करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। प्रदर्शनकारी सरकार से पुलिस गोलीबारी को लेकर मुआवजे की मांग कर रहे थे।
14 कार्यकर्ता अभी भी जेल में बंद

गौरतलब है कि हुंजा नदी में बाढ़ की वजह से स्‍थानीय लोगों को काफी नुकसान हुआ था। वे मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे, तभी पुलिस ने गोली चला दी। इससे एक व्‍यक्ति तथा उसके बच्‍चे की तुरंत मौत हो गई। इस दहशतगर्दी के बाद इलाके में जोरदार प्रदर्शन जारी हैं। भड़क उठे थे। प्रदर्शन को रोकने के लिए पुलिस ने क्षेत्र के कई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया था।
बाद में पीओके की पुलिस अधिकतर कार्यकर्ताओं को रिहा कर दिया। वहीं 14 कार्यकर्ता आज भी जेल में बंद पड़े हैं। उनके समर्थकों के अनुसार इन लोगों को आजीवन कारावास की सजा दी गई है। सभी आरोपियों ने अपने ऊपर लगाए आरोपों का खंडन किया है। यह उनकी आवाज को दबाने के लिए किया गया है।
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