द न्यूज इंटरनेशनल के मुताबिक, शुक्रवार को एलएचसी के मुख्य न्यायाधीश ममून राशिद शेख ( Chief Justice Mamoon Rashid Sheikh ) ने अतिरिक्त अभियोजक जनरल अब्दुल समद खान के यह कहने पर कि अगर अदालत ने मामलों को स्थानांतरित कर दिया तो अभियोजन पक्ष को कोई आपत्ति नहीं है, जेयूडी के सदस्यों द्वारा दायर एक आवेदन की मंजूरी दे दी।
अमरीका ने आतंकी हाफिज सईद को सजा सुनाए जाने पर की PAK की तारीफ
अधिवक्ता इमरान फजल गिल ने कहा कि दो मामले साहिवाल की आतंकवाद-रोधी अदालतों के समक्ष याचिकाकर्ताओं के खिलाफ लंबित हैं, जबकि कुछ अन्य समान मामलों की सुनवाई भी लाहौर की ट्रायल कोर्ट द्वारा की जा रही है।
सईद को दो मामलों में 11 साल की हुई है सजा
अधिवक्ता इमरान फजल गिल ( Advocate Imran Fazal Gill ) ने अदालत से कहा कि वे लाहौर में याचिकाकर्ताओं के खिलाफ सभी मामलों को समेकित करने का आदेश दें क्योंकि उनमें कानून के समान आरोप और प्रश्न शामिल हैं।
बता दें कि 12 फरवरी को हाफिज सईद को दो मामलों में दोषी ठहराया गया और साढ़े पांच साल के लिए जेल भेज दिया गया। हाफिज सईद को दो मामलों में साढ़े पांच-साढ़े पांच साल (कुल 11 साल) की सजा हुई है। हालांकि ये सजा एक साथ चलेगी।
2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा प्रतिबंधित, सईद अकेले पाकिस्तान में ही 23 आतंकवादी मामलों का सामना कर रहा है। बता दें कि 2008 में मुंबई में हुए हमले आतंकी हमले के लिए लश्कर-ए-तैयबा को जिम्मेदार ठहराया गया था। इस हमले में 166 लोग मारे गए थे।
29 मामलों में आरोपी है हाफिज सईद
डॉन न्यूज ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि सईद पर आतंक वित्तपोषण, धनशोधन, अवैध रूप से जमीन हड़पने समेत 29 मामलों में मामला चल रहा है। इससे पहले छह फरवरी को उनके खिलाफ दो मामलों में फैसला सुरक्षित रख लिया गया था।
आठ फरवरी को, एटीसी ने आतंक वित्तपोषण से जुड़े मामलों में अपना फैसला सुनाने में देरी कर दी और 11 फरवरी को फैसला सुनाने से पहले सभी पक्षों की ओर से बहस सुनने का फैसला किया गया था। दोनों मामलों में कोर्ट ने 23 गवाहों के बयान दर्ज किए।
हाफिज सईद को मिली टेरर फंडिंग के दो मामलों में 11 साल की सजा, FATF से खौफजदा पाकिस्तान
उसके बाद गवाहों और सबूतों के आधार पर कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए हाफिज सईद को दो मामलों में 11 साल (साढ़े पांच-साढ़े पांच साल) की सजा सुनाई। इन दोनों मामलों की सजा एक साथ चलेगी।
इस फैसले को लेकर अमरीका ने भी पाकिस्तान की तारीफ की और कहा कि आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। अमरीका ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि आतंकी संगठन लश्कर ए-तैयबा ( Lashkar e-Taiba ) की जवाबदेही तय करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
Read the Latest World News on Patrika.com. पढ़ें सबसे पहले World News in Hindi पत्रिका डॉट कॉम पर. विश्व से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर.