दरअसल कराची से रावलपिंडी जा रही ट्रेन में आग लगने की घटना के तीन दिन बाद भी मीरपुरखास और उमरकोट जिलों के कम से कम 50 व्यक्ति अभी भी लापता बताए जा रहे हैं।
पाकिस्तान: एक यात्री की लापरवाही से ट्रेन में हुआ जोरदार धमाका, 74 की चली गई जान
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार, मीरपुरखास के उपायुक्त सैयद अताउल्लाह शाह बुखारी ने उन 16 व्यक्तियों के लिए परिवहन की व्यवस्था की, जो अपने डीएनए के नमूने प्रदान करने के लिए शनिवार को सड़क मार्ग से रहीमयार खान शहर गए।
इसके अलावा कई परिवार खुद से गुरुवार और शुक्रवार को रहीमयार खान पहुंचे। उन्हें बताया गया कि डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट सात दिन के बाद साझा की जाएगी।
डीसी कार्यालय के अधिकारिक सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि मीरपुरखास क्षेत्र के 45 व्यक्ति अभी भी लापता हैं, जबकि अन्य सूत्रों ने इस आंकड़े को 60 बताया है।
पाकिस्तान में दूसरी सबसे बड़ी रेल घटना
आपको बता दें कि तेजगाम एक्सप्रेस में हुए अग्निकांड में मारे गए सात लोगों को मीरपुरखास और छह अन्य को उमरकोट में रखा गया।
मीरपुरखास का एक अन्य व्यक्ति मुहम्मद लियाकत की शनिवार को मुलतान के अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। उमरकोट के पांच निवासी भी लापता हैं।
दोनों जिलों के 80 से अधिक व्यक्ति हैदराबाद रेलवे स्टेशन से तेजगाम एक्सप्रेस की तीन जली हुई बोगियों में सवार हुए थे। अधिकांश पीड़ित पाकिस्तान के सबसे बड़े धार्मिक समारोहों में से एक वार्षिक तब्लीगी इज्तिमा में भाग लेने के लिए यात्रा कर रहे थे।
वे सभी रावलपिंडी में होने वाले इस कार्यक्रम के लिए लाहौर जा रहे थे। इसी बीच यात्रियों की लापरवाही से ट्रेन में अचानक आग लग गई। जिन तीन कोचों में आग लगी थी उनमें 200 से अधिक लोग सवार थे।
मालूम हो कि इस साल पाकिस्तान में यह दूसरी बड़ी रेल दुर्घटना है। जुलाई में लाहौर से क्वेटा जा रही अकबर बुगती एक्सप्रेस के पंजाब प्रांत के सदीकाबाद तहसील में वल्हार रेलवे स्टेशन पर एक मालगाड़ी से टकराने पर 24 लोगों की मौत हो गई थी।
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