अफगानिस्तान में सरकार गठन की प्रक्रिया पूरी करने के साथ ही तालिबान ने अपना असली चेहरा दिखाना शुरू कर दिया है। तालिबान ने अपना तानाशाही रवैया प्रदर्शित करते हुए नागरिकों पर पाबंदियां लगाना शुरू कर दिया है। अब यहां विरोध-प्रदर्शनों के लिए नए सख्त नियम बना दिए गए है, जिनका उल्लंघन करने पर कड़ी सजा दी जाएगी।
तालिबान सरकार की ओर से जारी नई पाबंदियों के मुताबिक, अब किसी भी प्रदर्शन से पहले न्याय मंत्रालय से इजाजत लेनी होगी। प्रदर्शन से जुड़ी पूरी जानकारी देनी होगी। इसके अलावा, तालिबानी शासन में विरोध प्रदर्शन करने के लिए जानकारियों को 24 घंटे पहले सुरक्षा एजेंसियों सेे साझा करना जरूरी होगा।
तालिबान सरकार ने विरोध-प्रदर्शन पर रोक लगाने के लिए कई शर्तें जारी की हैं। अफगानिस्तान के गृह मंत्रालय ने विरोध प्रदर्शनों को लेकर नए नियम बनाए हैं। इसके तहत किसी भी विरोध प्रदर्शन की जानकारी सरकार को 24 घंटे पहले देनी होगी। तालिबानी सरकार ने यह फैसला तब लिया है, जब कुछ दिन पहले उसने कहा था कि वह अपनी सरकार के खिलाफ किसी भी तरह के प्रतिरोध को बर्दाश्त नहीं करेगा।
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नए नियम के तहत, किसी भी विरोध प्रदर्शन को आयोजित करने के लिए पहले न्याय मंत्रालय से अनुमति लेनी होगी। विरोध प्रदर्शन के उद्देश्य उसमें लगने वाले नारे, स्थान, समय और प्रदर्शन से जुड़ी सभी जानकारी अधिकारियों के साथ साझा करनी होगी। इन दिनों सरकार के विरुद्ध काफी संख्या में विरोध प्रदर्शन हो रहे थे। मंगलवार को काबुल और हेरात प्रांत में विरोध प्रदर्शन कर रहे लोागों पर गोलियां भी चलाई गईं, जिसमें कम से कम दो लोगों के मारे की पुष्टि हुई। इस फायरिंग में कई अन्य घायल हो गए थे। नई सरकार ने अपने घोषणा पत्र में इस बात का जिक्र किया है कि उनके शासन में मीडिया की स्वतंत्रता और गुणवत्ता में सुधार, इस्लाम और राष्ट्रीय हित में भूमिका सुनिश्चित की जाएगी। सभी पड़ोसी देशों को भरोसा दिलाया जाएगा कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल किसी भी देश की सुरक्षा के खिलाफ नहीं होगा। साथ ही, उन देशों से भी यही उम्मीद की जाएगी कि वे अपनी जमीन का इस्तेमाल हमारे दुश्मनों को नहीं करने देंगे।
नई सरकार के घोषणा पत्र के मुताबिक, सभी विदेशी राजनयिकों, दूतावासों, कांसुलेट्स, मानवीय सहायता समूहों और निवेशकों की सुरक्षा का भरोसा जीतने की कोशिश की जाएगी। उन सभी का यहां अफगानिस्तान में रहना जरूरी है। नई सरकार ने यह भी भरोसा दिलाया कि वह किसी से दुश्मनी नहीं करना चाहती। अफगानिस्तान सभी के लिए एक घर की तरह होगा। किसी को भी भविष्य के लिए चिंतित होने की जरूरत नहीं है। इसके अलावा आम नागरिकों से इस्लामिक अमरीरात को समर्थन जारी रखने की उम्मीद भी जताई है, जिससे नए अफगानिस्तान में इस्लामिक व्यवस्थाओं के तहत इसका पुनर्निमाण किया जा सके।
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