68 साल के पीएम ओली ने सीने में दर्द की शिकायत ( PM Oli complains of chest pain ) की, जिसके बाद आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालांकि बाद में चेक-अप करने का बाद डॉक्टरों ने ओली को वापस भेज दिया और कहा कि सबकुछ सामान्य है।
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प्रधानमंत्री के प्रेस सलाहकार सूर्या थापा ने बताया कि प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने सीने में दर्द की शिकायत की, जिसके बाद काठमांडू के शहीद गंगालाल नेशनल हार्ट सेंटर ( Shaheed Gangalal National Heart Center ) में उन्हें भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें वापस भेज दिया।
मार्च में हुआ था किडनी का प्रत्यारोपण
आपको बता दें कि इससे पहले इसी साल मार्च में पीएम ओली की तबीयत खराब हो गई थी। जिसके बाद उन्हें त्रिभुवन यूनिवर्सिटी टीचिंग अस्पताल ( Tribhuvan University Teaching Hospital ) में भर्ती काराया गया था। अस्पताल सूत्रों की ओर से बताया गया था कि गंभीर बीमारी से ग्रस्त होने के बाद पीएम ओली को भर्ती कराया गया है। इसके बाद दूसरी बार ओली की किड़नी का प्रतिरोपण ( Kidney Transplant ) किया गया था। इससे पहले ओली ने पहली बार करीब 12 साल पहले अपने किडनी का प्रत्यारोपण कराया था।
बता दें कि इससे पहले बीते साल सितंबर में पीएम ओली को किडनी की गंभीर बीमारी हुई थी, लेकिन अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के कारण उनकी सर्जरी नहीं हो पाई थी। हालांकि नियमित तौर पर उनका डायलसिस ( Dialysis ) होता था।
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प्रधानमंत्री ओली ने पहली बार 2007 में किडनी का प्रत्यारोपण कराया था। उस दौरान जब ओली का दोनों किडनी काम करना बंद कर दिया था, तब उन्होंने अपना इलाज भारत के अपोलो अस्पताल (नई दिल्ली) में कराया था। हालांकि उसके बाद से वे एक ही किडनी से काम चला रहे थे।
पार्टी के अंदर सियासी घमासान
आपको बता दें कि ओली ने 2018 में प्रधानमंत्री बनने के बाद तबीयत खराब होने के चलते कम्युनिस्ट पार्टी का जिम्मा पुष्प कमल दहल प्रचंड ( Pushpa Kamal Dahal Prachanda ) के साथ साझा करने पर सहमति जताई थी। उस दौरान दोनों में बारी-बारी से पीएम बनने पर सहमति बनी थी। हालांकि, बाद में दहल पार्टी के को-चेयर पद पर ही रहे और अब एक बार फिर से सियासी संग्राम छिड़ गया है।
प्रचंड लगातार ओली पर इस्तीफे ( Resignation of PM Oli ) का दबाव बना रहे हैं। ओली सरकार पर कई तरह के भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं और अब मौजूद समय में बेरोजगारी और कोरोना वायरस से सही तरीके से नहीं निपटने के खिलाफ देश में आवाजें उठने लगी है। इसके अलावा भारत के साथ तनावपूर्ण स्थित बनाने पर भी पार्टी के अंदर वरिष्ठ नेता नाराज हैं। जिसको लेकर पार्टी के अंदर सीनियर नेताओं ने ओली के इस्तीफे की मांग तेज कर दी है।
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ओली ने भारत पर अप्रत्यक्ष तौर पर आरोप लगाते हुए कहा था कि उन्हें सत्ता से हटाने के लिए एक दूतावास लगातार सक्रिय है। उन्होंने दावा किया कि कालापानी ( Kalapani ) और लिपुलेख को नेपाली नक्शे में दिखाने वाले संविधान संशोधन के बाद से उनके खिलाफ साजिशें रची जा रही हैं। इधर प्रचंड ने कहा कि आरोपों पर सबूत पेश करें या तो पद से इस्तीफा दें।