दरअसल, भारत-चीन ने गोगरा हाइट्स से अपनी-अपनी सेनाएं हटाने का फैसला लिया है। सूत्रों के अनुसार, बीते दिन भारतीय क्षेत्र मोल्डो में दोनों देशों के सैन्य कोर कमांडर स्तर की वार्ता के बाद कई मुद्दों पर सहमति बनी है। इसमें से एक गोगरा हाइट्स से सेनाओं को हटाना शामिल है। दोनों देश गोगरा हाइट्स से अपनी-अपनी सेनाएं हटाकर पूर्ववर्ती स्थिति में लाने को लेकर राजी हुए हैं। गोगरा हाइट्स क्षेत्र में दोनों देशों की सेना पिछले साल मई से ही आमने-सामने है।
भारत-चीन के बीच कोर कमांडर स्तर की वार्ता खत्म, हॉट स्प्रिंग और गोगरा से सैनिक हटाने पर जोर
सूत्रों के मुताबिक, इस साल फरवरी में पैंगॉन्ग लेक इलाके से दोनों देशों ने सेना हटा ली थी। लेकिन तब से गोगरा हाइट्स से सेना हटाए जाने का मामला लंबित था। बता दें कि शनिवार को 9 घंंटे तक चली 12वें दौर की बातचीत को आगे बढ़ाते हुए सोमवार को भारतीय इलाके में चुसुल-मोल्डो बॉर्डर मीटिंग पॉइंट पर दोनों देशों के बीच वार्ता हुई थी। बातचीत के दौरान दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों ने पूरा लेखाजोखा पेश किया और फिर बाद में एक साझा स्टेटमेंट भी जारी किया। इस स्टेटमेंट में ये कहा गया था कि पश्चिमी सेक्टर में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर बचे हुए इलाकों से डिसइंगेजमेंट को लेकर दोनों पक्ष सहमत हैं और इसको लेकर विचारों का आदान-प्रदान किया।
शनिवार को हुई थी 12वें दौर की बैठक
मालूम हो कि 12वें दौर की सैन्य वार्ता से करीब दो सप्ताह पहले ( 14 जुलाई को ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में शंघाई शिखर वार्ता (SCO) के दौरान) विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अपने चीनी समकक्ष वांग यी से बात की थी और ये स्पष्ट किया था कि पूर्वी लद्दाख में गतिरोध जारी गतिरोध का असर दोनों देशों के रिश्तों पर पड़ रहा है।
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इसके बाद से दोनों देशों के बीच 12वें दौर की वार्ता के लिए सहमति बनी। बीते शनिलार को भारत-चीन के बीच 12वें दौर की कोर कमांडर स्तर की वार्ता हुई थी। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के चीन की ओर ओल्डी में यह बैठक सुबह साढ़े दस बजे शुरू हुई थी, जो कि शाम 7.30 बजे खत्म हुई। इस दौरान दोनों पक्षों ने पूर्वी लद्दाख सेक्टर के साथ चल रहे सैन्य गतिरोध को खत्म करने को लेकर कई मुद्दों पर चर्चा की थी।
बातचीत के दौरान भारत ने स्पष्टता के साथ अपनी बात दोहराते हुए हॉट स्प्रिंग और गोगरा में सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया बहाल करने पर जोर दिया था। इससे पहले भारत-चीन के बीच 11वें दौर की बातचीत 9 अप्रैल को एलएसी पर भारत की ओर चुशुल सीमा बिंदु पर हुई थी। इसमें कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों से सैनिकों की वापसी पर सहमति बनी थी।