भारत की आपत्ति को दरकिनार कर PAK कर रहा मनमानी, गिलगित-बाल्टिस्‍तान में 15 नवंबर को होंगे चुनाव

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पाकिस्‍तान के राष्‍ट्रपति आरिफ अल्‍वी (President Arif Alvi) ने विधेयक को मंजूरी दे दी है।
गिलगित-बाल्टिस्‍तान विधानसभा में 33 सीटें होंगी। इसमें से तीन टेक्‍नोक्रेट और 6 महिलाओं के लिए होंगी।

<p>पाक पीएम इमरान खान।</p>
इस्‍लामाबाद। पाकिस्‍तान अधिकृत कश्‍मीर के गिलगित-बाल्टिस्‍तान इलाके में चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया गया है। ये चुनाव 15 नवंबर को होने वाले हैं। इसे लेकर सेना और विपक्ष में टकराव बना हुआ है।

पाकिस्‍तान के राष्‍ट्रपति आरिफ अल्‍वी (President Arif Alvi) ने गुरुवार को गिलगित और बाल्टिस्‍तान में विधानसभा चुनाव कराने के विधेयक को मंजूरी दे दी है। गिलगित-बाल्टिस्‍तान में होने वाले इस विधानसभा चुनाव में तीन प्रमुख राजनीतिक दल इमरान की पीटीआई, नवाज शरीफ की पीएमल एन और बिलावल की पार्टी पाकिस्‍तानी पीपुल्‍स पार्टी ने भाग लेंगी।
गिलगित-बाल्टिस्‍तान विधानसभा में 33 सीटें होंगी। इसमें से तीन टेक्‍नोक्रेट और 6 महिलाओं के लिए होंगी। चुनाव 24 सीटों पर होने वाले हैं। वहीं,भारत ने पाकिस्तान से कहा है कि गिलगित-बाल्टिस्‍तान के साथ जम्मू-कश्मीर और लद्दाख संघ शासित प्रदेश के संपूर्ण भूभाग का भारत में पूर्ण रूप से विलय हुआ था। इसलिए यह देश का अभिन्न अंग है।
भारत का कहना है कि जिन क्षेत्रों में पाकिस्तान का अधिकार नहीं है। उन क्षेत्रों पर पाक की सरकार और न्यायपालिका का कोई संबंध नहीं है। ऐसे में भारत पाक द्वारा कब्जाए इलाकों में कोई भी बदलाव को नकारता है।
भारत ने कहा कि पाकिस्तान की सरकार या उसकी न्यायपालिका का उन क्षेत्रों पर कोई अधिकार नहीं है, जिन पर अवैध रूप से कब्जा किया गया था। इसमें कहा था कि भारत इस तरह की कार्रवाई को और भारत के जम्मू-कश्मीर के पाकिस्तान द्वारा कब्जाए गए इलाकों में ठोस बदलाव करने के प्रयासों को पूरी तरह से खारिज करता है। पाक को इस इलाके को तुरंत खाली कर देना चाहिए।
16 सितंबर को हुई बैठक

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बाजवा और हमीद ने यह बैठक 16 सितंबर को की थी। इसमें नेशनल असेंबली में नेता प्रतिपक्ष शहबाज शरीफ और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी समेत करीब 15 नेता मौजूद थे। रेल मंत्री शेख राशिद के अनुसार यह बैठक गिलगित-बाल्टिस्‍तान की संवैधानिक स्थिति में लंबित बदलाव पर चर्चा के लिए हुई। विपक्ष ने अन्य मुद्दों को लेकर भी चिंताएं जाहिर की थीं।
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