कजाखस्तान में चीन विरोधी प्रदर्शन तेज, 50 से अधिक गिरफ्तार

चीन कजाखस्तान में अपने यहां के कुछ संयंत्र और फैक्ट्रियां लगाना चाहता है
चीन ने कजाखस्तान में सबसे अधिक निवेश किया है

अल्माटी। चीन के खिलाफ हांगकांग में जून से लगातार प्रदर्शन का दौर जारी है और अब कजाखस्तान में भी भारी विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है।

सोवियत गणराज्य का हिस्सा रहे मध्य एशियाई देश कजाखस्तान में चीन के बढ़ते प्रभाव को लेकर लोगों ने अब विरोध करना शुरू कर दिया है। शनिवार को कजाख्सतान के दो सबसे बड़े शहरों में लोग सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया।

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हालांकि यहां पर भी हांगकांग की तरह ही प्रदर्शनकारियों को दबाने के लिए सख्ती की गई और 50 से अधिक प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया गया है।

कजाखस्तान में चीनी निवेश सबसे अधिक

आपको बता दें कि चीन अपने विस्तारवादी नीति के लिए हमेशा से जाना जाता रहा है। इसके लिए पहले वह छोटे-छोटे देशों में निवेश को बढ़ाता है और फिर वहां की सत्ता पर धीरे-धीरे नियंत्रण कर लेता है।

कुछ ऐसा ही कजाखस्तान में भी देखने को मिल रहा है। चीन ने कजाखस्तान में बहुत बड़ा निवेश किया है। चीन ऐसा करने वाला सबसे बड़ा देश है। इतना ही नहीं चीन पड़ोसी देश कजाखस्तान का कारोबारी साझेदार देश भी है।

ऐसे में चीन चाहता है कि वह अपने यहां के कुछ संयंत्रों और फैक्ट्रियों को कजाखस्तान में स्थापित करे, लेकिन स्थानीय लोग इसे लेकर विरोध पर उतर आए हैं।

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कजाखस्तान के आंतरिक मंत्रालय ने बताया है कि 57 लोगों को हिरासत में लिया गया है। उनके खिलाफ आरोप लगाए जा सकते हैं। वहीं पुलिस का कहना है कि हिरासत में लिए गए लोगों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया जाएगा।

बता दें कि शनिवार के विरोध प्रदर्शन का आयोजन फ्रांस में शरण लेने वाले कजाखस्तान के बैंकर मुख्तार अबलयाजोव के समर्थकों ने किया था। अबलयाजोव कजाखस्तान के पहले राष्ट्रपति नूर सुल्तान नझरबायेव के कट्टर आलोचक रहे हैं।

मालूम हो कि नझरबायेव ने तीस साल तक सत्ता में रहने के बाद पिछले मार्च में पद छोड़ा था, लेकिन दूसरे तरीके से फिर सत्ता पर कब्जा जमा लिया है।

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