कोरोना वैक्सीनेशन अभियान को तेज करेगा China, 16 स्वदेशी टीकों को दी क्लिनिकल ट्रायल की मंजूरी

HIGHLIGHTS

चीन ने कोरोना के 16 स्वदेशी वैक्सीन के क्लीनिकल परीक्षण की मंजूरी दी है। इनमें से 6 टीकों का परीक्षण तीसरे चरण में है।
इससे पहले चीन ने सरकारी कंपनियों सिनोफार्म और सिनोवैक बायोटेक द्वारा निर्मित दो टीकों को सशर्त मंजूरी दी थी।

<p>China to accelerate corona vaccination campaign, clinical trials approved for 16 indigenous vaccines</p>

बीजिंग। कोरोना महामारी से जूझ रही पूरी दुनिया में अब तक लाखों लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि करोड़ों लोग संक्रमित हो चुके हैं। कोरोना से बचाव के लिए कई देशों में टीकाकरण अभियान शुरू किया गया है।

चीन ने अपने देश में टीकाकरण अभियान तेज करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। चीन ने कोरोना के 16 स्वदेशी वैक्सीन के क्लीनिकल परीक्षण की मंजूरी दी है। इनमें से 6 टीकों का परीक्षण तीसरे चरण में है। चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, 16 स्वदेशी टीकों में छह टीकों का परीक्षण तीसरे चरण में है, जो आखिरी चरण है। इससे पहले, चीन ने सरकारी कंपनियों सिनोफार्म और सिनोवैक बायोटेक द्वारा निर्मित दो टीकों को सशर्त मंजूरी दी थी।

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चीन दुनिया के की देशों को वैक्सीन मुहैया करा रहा है। चीन अपने देश में टीकाकरण अभियान चलाने से अधिक बाकी देशों को वैक्सीन निर्यात कर रहा है। हांगकांग स्थित समाचार पत्र साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार चीन ने सोमवार तक कम से कम 4.6 करोड़ तैयार टीकों या उसकी सामग्री दुनिया भर में भेजी है।

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चीन ने पांच करोड़ लोगों को लगाया टीका!

देश के स्वास्थ्य प्राधिकरण ने कहा है कि चीन में नौ फरवरी तक टीकों की 4.05 करोड़ खुराकें दी गई थीं जबकि अमरीका में पांच करोड़ से अधिक खुराकें दी जा चुकी हैं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने अपने नववर्ष से पहले पांच करोड़ लोगों को टीके लगाने की बात की थी। चीन में नव वर्ष और वसंत महोत्सव को मनाने के लिए आधिकारिक रूप से 11 से 18 फरवरी तक टीकाकरण अभियान बंद है।

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रिपोर्ट में बताया गया है कि टीकाकरण के दौरान कई तरह के चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इसमें सबसे बड़ी बात लोगों में वैक्सीन को लेकर झिझक है। इसके अलावा, वैक्सीन की सीमित आपूर्ति और चीन निर्मित टीकों की कम प्रभावशीलता भी शामिल हैं। बता दें कि चीनी वैक्सीन को लेकर दुनिया के कई देशों में सवाल खड़े किए जा चुके हैं।

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