भारत ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए मंगलवार को 43 चाइनीज ऐप्स बैन कर दिए थे। बता दें कि वास्तिवक नियंत्रण रेखा (LAC) पर पूर्वी लद्दाख में मई से भारत-चीन के बीच तनाव ( India China Tension ) बना हुआ है। 14 जून की रात गलवान घाटी में चीनी सैनिकों ने धोखे से भारतीय सैनिकों पर हमला किया था, जिसमें 20 जवान शहीद हो गए थे। हालांकि भारतीय जवानों ने भी मुंहतोड़ जवाब देते हुए चीन के 40 से अधिक सैनिकों को मार गिराया था।
इसके बाद से दोनों देशों में तनाव काफी गहरा गया और फिर भारत ने कड़ी कार्रवाई करते हुए चार चीनी ऐप्स पर बैन लगाया, जिसमें लोकप्रिय ऐप्स टिक-टॉक और यूसी ब्राउजर भी शामिल है। भारत अब तक लगभग 267 चाइनीज ऐप्स पर बैन लगा चुका है।
राष्ट्रीय सुरक्षा का बहाना बना रहा है भारत
भारत द्वारा चीनी ऐप्स को बैन किए जाने पर बौखलाए चीन ने कहा कि चाइनीज ऐप्स को बैन करने के लिए भारत लगातार राष्ट्रीय सुरक्षा का बहाना बना रहा है, हम इसका कड़ा विरोध करते हैं। भारत स्थित चीनी दूतावास की प्रवक्ता जी रोंग ने कहा कि भारत का यह कदम विश्व व्यापार संगठन के नियमों के खिलाफ है। हम नई दिल्ली से चीनी ऐप्स पर लगाए गए प्रतिबंध को हटाने की मांग करते हैं। उन्होंने कहा कि चीन की सरकार ने हमेशा कहा है चीनी कंपनियां अंतर्राष्ट्रीय नियमों का पालन करें और कानून व नैतिकता के दायरे में रहते हुए ऑपरेट करें।
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जी रोंग ने कहा कि भारत-चीन एक-दूसरे के लिए खतरे के बजाय विकास के अवसरों का प्रतिनिधित्व करते हैं। ऐसे में दोनों देशों को द्विपक्षीय आर्थिक और व्यापारिक रिश्तों को सही दिशा में आगे बढ़ाना चाहिए।
आपको बता दें भारत ने सबसे पहले 29 जून को बड़ा फैसला लेते हुए टिक टॉक समेत 59 चीनी ऐप्स को बैन किया था। इसके बाद 28 जुलाई को 47 अन्य ऐप पर प्रतिबंध लगाया। भारत ने सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच 2 सितंबर को 118 ऐप्स को बैन कर दिया, जबकि बीते मंगलवार (24 नवंबर) को 43 ऐप्स पर बैन लगा दिया।