ढाका। भारत आज 50वां विजय दिवस ( Vijay Diwas 2020 ) मना रहा है। विजय दिवस यानी कि पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश के स्वतंत्रता दिवस का दिन। आज ही दिन 50 साल पहले 16 दिसंबर 1971 को भारतीय सेना के साहस और पारक्रम की वजह से पाकिस्तानी सेना का मुंह की खानी पड़ी थी और बांग्लादेश एक स्वतंत्र राष्ट्र बना था।
इस विशेष मौके पर बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ( Prime Minister Sheikh Hasina ) ने भारत के साथ मिलकर काम करने को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और कहा कि वह कल (गुरुवार) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत करेंगे।
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अपने एक संबोधन में शेख हसीना ने कहा कि पाकिस्तानी सेना ( Pakistan Army ) द्वारा की गयी हिंसा और क्रूरता को याद करते हुए कहा कि वो बहुत मुश्किल और खौफनाक दौर था। अब हम धर्म व मजहब के आधार पर देश को नहीं बंटने देंगे। देश अब विकास और समृद्धि की तरफ बढ़ रहा है। हमें सांप्रदायिक सद्भाव बनाकर रखना होगा। इसके बिना विकास के रास्ते पर चलना नामुमकिन है।
बता दें कि गुरुवार को पीएम हसीना और प्रधानमंत्री मोदी ( PM Narendra Modi ) डिजिटल शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे। इस दौरान दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में नौ समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है।
शेख हसीना और मोदी की होगी मुलाकात
आपको बता दें कि विजय दिवस से एक दिन पहले यानी मंगलवार को बांग्लादेश के विदेश मंत्री ए.के. अब्दुल मोमेन ने कहा कि प्रधानमंत्री शेख हसीना और पीएम नरेंद्र मोदी के बीच गुरुवार को एक डिजिटिल शिखर वार्ता होगी।
इस दौरान दोनों नेता पुराने रेल मार्ग (चिलाहाटी-हल्दीबाड़ी रेल मार्ग) को एक बार फिर से 55 वर्षों बाद खोले जाने का गवाह बनेंगे। बता दें कि भारत-पाकिस्तान के युद्ध के दौरान 1965 में इसे बंद कर दिया गया था। यह रेल मार्ग भारत के कूचबिहार और बांग्लादेश के चिलाहाटी को जोड़ेगा।
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विदेश मंत्री मोमेन ने कहा कि इस बैठक के दौरान दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों के 9 अहम सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। इसमें जल बंटवारा, कोविड-19 सहयोग, सीमा पर जान जाना, व्यवसाय में असंतुलन, संपर्क मार्ग और रोहिंग्या जैसे मुद्दे शामिल हैं।
शिखर बैठक में साझी नदियों में जल बंटवारे पर भी प्रमुखता से चर्चा होगी। इसके अलावा ढाका सीमा पार बहने वाली सात बड़ी नदियों मोनू, मुहुरी, गोमती, धराला, दूधकुमार, फेनी और तीस्ता के मुद्दे पर भी बातचीत की जाएगी।