इस बीच ईरान ने चेतावनी दी है कि यदि इस तरह से दोनों देशों के बीच युद्ध जारी रहा तो इससे भारी तबाही आ सकती है। ईरान ने कि यह लड़ाई व्यापक रूप से क्षेत्र में संघर्ष को बढ़ा सकती है। ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ( Iranian President Hassan Rouhani ) ने कहा है दोनों देशों के बीच जारी युद्ध के बाद पूरे इलाके में स्थिरता को लेकर संकट खड़ा हो जाएगा। इसका सीधा असर बाकी के पड़ोसी देशों में होगा।
रूहानी ने कहा कि विवादित इलाका औपचारिक तौर पर अजरबैजान का है, लेकिन वहां पर अर्मेनिया के लोग रहते हैं। दूसरी तरफ दोनों ही देश एक-दूसरे पर युद्ध शुरू करने का आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें सजग रहना है कि अजरबैजान और अर्मेनिया की यह लड़ाई पूरे इलाके की लड़ाई न बन जाए। हम शांतिपूर्वक तरीके से क्षेत्र की स्थिरता को बहाल करने की उम्मीद करते हैं।
रूहानी ने कहा कि गलती से भी हमारी धरती पर कोई मिसाइल या गोला गिरे, ये हमें स्वीकार नहीं है।हमारी पहली प्राथमिकता अपने गांवों व शहरों की सुरक्षा करना है।
युद्ध में कलस्टर बम का इस्तेमाल
दोनों देशों में जारी इस युद्ध में गोला-बारूद और मिसाइलों से एक-दूसरे पर हमला किया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, नागोर्नो-काराबाख़ के रिहाइशी इलाकों में अजरबैजान की सेना क्लस्टर बम गिरा रही है और अंतर्राष्ट्रीय समझौतों के अनुसार युद्ध में क्लस्टर बम का इस्तेमाल प्रतिबंधित है। हालांकि इससे जुड़े अंतर्राष्ट्रीय कन्वेन्शन पर अजरबैजान और अर्मेनिया ने हस्ताक्षर नहीं किए हैं।
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ब्रिटिश अखबार टेलिग्राफ ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि नागोर्नो-कराबाख़ की राजधानी स्टेपनाकियर्ट में इस स्पताह के अंत में भीषण बमबारी के दौरान क्लस्टर बमों का इस्तेमाल देखा गया है। इधर, लड़ाई अब और भी अधिक व्यापक होता जा रहा है। हालांकि अमरीका, रूस और फ्रांस ने संयुक्त रूप से नागोर्नो-काराबाख़ में लड़ाई की निंदा की है और शांति वार्ता के जरिए समाधान निकालने की अपील की है। लेकिन अभी संघर्ष समाप्त होने के कोई संकेत नजर नहीं आ रहे हैं।