आंतरिक मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक, काबुल में एक के बाद एक 14 रॉकेट दागे गए। काबुल के चहल सुतून और अरजान कीमत इलाकों में दो रॉकेट दागे जाने के बाद कई इलाकों में ताबड़तोड़ रॉकेट दागे गए।
आतंकी संगठन अलकायदा प्रमुख अल-जवाहिरी की अफगानिस्तान में मौत
अफगानिस्तान की स्थानीय मीडिया टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, मंत्रालय ने जानकारी दी है कि राजधानी काबुल ( Blast In Kabul ) के वजीर अकबर खान और शहर-ए-नाव इलाके के अलावा चहर काला, पीडी 4 में गुल-अ-सुर्ख, सदारत गोल रोड, शहर के बीचों बीच मौजूद स्पिंजर रोड, नेशनल आर्काइव रोड के पास पीडी 2 और काबुल के उत्तरी इलाके में स्थित लीसी मरियम मार्केट और पंजसाद परिवार इलाके में रॉकेट दागे गए।
अभी तक इस हमले की जिम्मेदारी किसी भी संगठन ने नहीं ली है। तालिबान ने भी इस हमले में हाथ होने से इनकार किया है। फिलहाल, जांच एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं और सुरक्षाबल मामले की जांच में जुट गए हैं।
पिछले 6 महीनों में 1200 से अधिक नागरिक मारे गए
आपको बता दें कि अफगानिस्तान में आतंकी हमलों को सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले छह महीनों में तालिबान ने 53 आत्मघाती हमले और 1,250 बम विस्फोट किए, जिसमें 1,210 नागरिक मारे गए, जबकि 2,500 से अधिक अन्य घायल हो गए।
इसके अलावा इस महीने की शुरुआत में कई बंदूकधारियों ने काबुल विश्वविद्यालय के परिसर में हमला किया था, जिसमें कम से कम 35 लोगों की मौत हो गई थी और 50 से अधिक लोग घायल हो गए थे। इनमें से अधिकतर छात्र थे।
अलकायदा प्रमुख की अलजवाहिरी की मौत
आपको बता दें कि आतंकवादी संगठन अलकायदा प्रमुख अल जवाहिरी की मौत के बाद इतना बड़े हमले को अंजाम दिया गया है। अमरीका द्वारा पाकिस्तान के एबटाबाद में अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद से अल जवाहिरी अलकायदा का प्रमुख बना था।
अरब न्यूज ने सूत्रों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में बताया है कि अफगानिस्तान में अलकायदा प्रमुख अल जवाहिरी की अस्थमा से मौत हो गई। वह काफा दिनों से बीमार था और अस्थमा का सही समय पर सही इलाज नहीं मिल सका, जिसके कारण उसकी मौत हो गई।
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अल जवाहिरी की मौत के बाद से अब अलकायदा में कोई ऐसा कमांडर नहीं बचा है जो इस संगठन का नेतृत्व कर सके। अभी हाल ही दो ऐसे कमांडरों को सेना ने मार गिराया था, जिसे संगठन का नेतृत्व करने के लिए तैयार किया गया था।
ऐसे में अब ये समझा जा सकता है कि अफगानिस्तान में अपना दबदबा बनाए रखने और लोगों में डर व खौफ दिखाने के लिए अलकायदा ने अलजवाहिरी की मौत के बाद यह हमला किया हो। हालांकि अभी तक अलकायदा की ओर से इसकी जिम्मेदारी नहीं ली गई है।