इन मामलों से जाने शहर व जिले में पेयजल के हालात
1. रोज दो किमी दूर से ढो रहे पानी
गूगोर माफी गांव में पेयजल की समस्या गंभीर हो चुकी है, गांव में पानी नहीं बचा तो लोग डेढ़ से दो किमी दूर स्थित खिरिया व रातीखेड़ा गांव से पीने का पानी भरकर ला रहे हैं। इससे महिलाएं और बच्चियां दिनभर पानी ढ़ोने में लगी रहती हैं, तब घर पर पानी की व्यवस्था हो पाती है। ग्रामीणों ने पेयजल समस्या की शिकायत कलेक्टर से की है और गांव में एक हजार फिट गहरा ट्यूबवेल खनन कराने की मांग की है।
2. हाथठेलों से भरकर लाना पड़ता है पानी-
शहर के वार्ड क्रमांक 14 में सरस्वती स्कूल के पीछे रहने वाले नीतेश ओझा पानी की भरे ड्रम रखकर हाथठेला को धक्का देते दिखे। नीतेश ने बताया कि मोहल्ले में पेयजल लाइन है और नल भी लगे हैं, लेकिन पानी नहीं आता। इससे आधा किमी दूर से इसी तरह पानी ढ़ोकर लाना पड़ता है, वहीं अन्य लोग भी साइकिलों से पानी ढोते दिखे।
3. कलेक्ट्रेट पहुंचकर लोगों ने मांगा पानी-
वार्ड क्रमांक दो की दीपेश कॉलोनी के रहवासी बड़ी संख्या में कलेक्ट्रेट पहुंचे, जहां उन्होंने पीने के पानी की व्यवस्था कराने की मांग की। साथ ही कहा कि कॉलोनी में पाइप लाइन स्वीकृत हैं, लेकिन अब तक न पाइप लाइन डाली और न टोंटियां लगाई गईं। इससे लोग पानी की समस्या से जूझ रहे हैं।