यह भी पढ़ेेंं- मुस्लिम युवकों ने कहा- कृष्ण मेरे भी…फिर मंदिर में पढ़ी नमाज, अब वायरल फोटो ने मचाया हड़कंप दरअसल, अमरोहा तहसील क्षेत्र के ढबारसी गांव की 39 वर्षीय प्रधान पारुल गोयल की काफी पहले दोनों ही किडनी खराब हो चुकी थीं। परिजनों ने कई बार ऑपरेशन भी कराया, लेकिन वह ठीक नहीं हो सकीं। डॉक्टरों ने परिजनों को अंंतिम विकल्प के रूपर किडनी का प्रत्यारोपण करने की बात कही। इस पर परिजनों को समझ नहीं आ रहा था कि अब वह किडनी का इंतजाम कहां से करेंगे। इसी बीच परिजनों डोनर ढूंढने का भी काफी प्रयास किया, लेकिन डोनर भी नहीं मिल सका। बहन की जान खतरे में देख 33 वर्षीय छोटे भाई अंकित ने अपनी किडनी देने का फैसला किया। इसके बाद मेरठ के एक अस्पताल में पारुल गोयल का किडनी का सफल प्रत्यारोपण किया जा सका।
पारुल के पति राजीव गोयल ने बताया कि मेरठ के एक हॉस्पिटल में गुर्दा रोग विशेषज्ञ डॉक्टर संदीप गर्ग के नेतृत्व में 5 सदस्यीय टीम ने सफलतापूर्वक किडनी प्रत्यारोपण किया है। उन्होंने बताया कि डॉक्टरों की टीम ने करीब पांच घंटे तक यह ऑपरेशन किया है। उन्होंने बताया कि पारुल के दो भाई और वे छह बहनें हैं, अंकित छठे नंबर पर हैं, जबकि पारुल तीसरे नंबर पर हैं। अंकित चंदौसी में मिठाई की दुकान चलाते हैं। परिवार में अंकित की पत्नी के अलावा एक बेटी भी है।
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