कैप्टन अमरिन्दर सिंह की मांग पर प्रधानमंत्री ने लिया बड़ा निर्णय

कोविड के लिए प्रांतीय आपदा राहत कोष के अंतर्गत 35 प्रतिशत खर्च करने की सीमा हटाने का आग्रह किया था
200 करोड़ रुपये तुरंत जारी करने की मांग, पंजाब के लिए अन्य राज्यों से ऑक्सीजन की आपूर्ति की जाए
कोरोना के मद्देनजर पराली जलाने को रोकने के लिए किसानों को मुआवजा की मांग दोहराई

<p>प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ वर्चुअल मीटिंग करते पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह</p>
चंडीगढ़। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आपदा राहत कोष से 50 फीसदी धन खर्च करने का अधिकार राज्यों को दिया है। अब तक यह सीमा 35 फीसदी थी। प्रधानमंत्री ने यह घोषणा पंजाब के मुखयमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की मांग पर की है। प्रधानमंत्री के साथ वर्चुअल मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने अपील की थी कि आपदा राहत कोष से 35 फीसदी व्यय की सीमा समाप्त की जाए ताकि कोरोना के खिलाफ लड़ाई को यकीनी बनाया जा सके।
ये हैं पंजाब की मुख्य मांगें
कोविड के बढ़ रहे मामलों के कारण मेडिकल आक्सीजन की कमी पैदा होने के अंदेशों के मद्देनजऱ पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने प्रधानमंत्री से कहा कि अन्य राज्यों से ऑक्सीजन की आपूर्ति की जाए। मुख्यमंत्री ने 200 करोड़ रुपए तुरंत जारी करने की माँग की। राज्य सरकार ने कोविड प्रबंधन के लिए केंद्रीय सहायता की आगामी राशि के तौर पर देने की अपील की थी। मुख्यमंत्री ने धान की पराली के प्रबंधन की लागत के भुगतान के लिए किसानों को केंद्र सरकार की तरफ से वित्तीय सहायता देने की माँग को दोहराया। उन्होंने कहा कि चाहे राज्य सरकार पराली जलाने की समस्या संबंधी कोविड के साथ जोड़ कर किसानों और आम लोगों को जागरूक करने के लिए व्यापक स्तर पर मुहिम चला रही है परन्तु यह ज़रूरी हो जाता है कि भारत सरकार धान की पराली के प्रबंधन के लिए किसानों के लिए राज्य सरकार की तरफ से धान पर 100 रुपए प्रति क्विंटल मुआवज़ा देने के लिए कदम उठाए। सरकारी मेडिकल कालेज पटियाला में स्थापित किये जाने वाले लिकुअड मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट के लिए लाइसेंस स्वीकृत किया जाए।
पंजाब की योग्यता पर भरोसा जताया
इस मीटिंग में केंद्र रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्ष वर्धन के अलावा छह अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल थे। इन 7 राज्यों में महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और पंजाब शामिल हैं, जिनका देश के कुल कोविड मामलों में इस समय पर 62 प्रतिशत योगदान है। प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री की विनती पर गौर करने का वादा किया। उन्होंने पॉजिटिविटी दर को 5 प्रतिशत से कम करने और कोविड मौत दर को नीचे लाने के लिए पंजाब की योग्यता में भरोसा ज़ाहिर किया।
मेडिकल ऑक्सीजन के लिए पंजाब दूसरों पर निर्भर

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को अवगत करवाया कि मेडिकल ऑक्सीजन का कोई उत्पादक न होने के कारण राज्य लिकुअड ऑक्सीजन के लिए बड़े स्तर पर तीन बड़े उत्पादकों पर निर्भर है। उन्होंने बताया कि यह प्लांट बुराई (हिमाचल प्रदेश), देहरादून (उत्तराखंड) और पानीपत (हरियाणा) में हैं परन्तु देहरादून और पानीपत के प्लांट राज्य की माँग के मुताबिक आक्सीजन सप्लाई नहीं कर रहे। उन्होंने बताया कि यदि पानीपत रिफायनरी की सप्लाई घटा दी जाये तो पानीपत प्लांट राज्य को अतिरिक्त सप्लाई कर सकता है। उन्होंने बताया कि उनकी सरकार अपने स्तर पर उद्योगों के साथ औद्योगिक ऑक्सीजन को मेडिकल ऑक्सीजन में तब्दील कर देने के लिए बातचीत कर रही है।
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