अब इसी कड़ी में अमरीका के न्यजर्सी ( New Jeresy ) में काम करने वाले भारतीय मूल के अमरीकी डॉक्टर पिता और उनकी बेटी की कोरोना से मौत हो गई है। शुक्रवार को दोनों कोरोना के खिलाफ लडा़ई लड़ते हुए खुद इस जंग को हार गए। इस मौके पर राज्य के गवर्नर फिल मर्फी ने दुख व्यक्त किया और दोनों की मौत को एक बड़ी क्षति बताया।
डॉ. खन्ना ने अस्पताल में तोड़ दम
जानकारी के मुताबिक, भारतीय मूल के सत्येंद्र खन्ना और उनकी बेटी प्रिया खन्ना की गिनती अमरीका के बेहतरीन डॉक्टरों में होती थी। डॉ. खन्ना न्यूजर्सी में कार्यरत थे और कई विभागों के हेड थे। जबकि प्रिया एक बड़े अस्पताल में बड़े पद पर कार्यरत थीं।
गवर्नर फिल ने बताया कि दोनों ने अंतिम सांस तक कोरोना के खिलाफ लडा़ई में अपना योगदान दिया, लेकिन वे खुद इस जंग में हार गए। डॉ. खन्ना की मौत उसी अस्पताल में हुई, जहां वे पिछले 35 वर्षों से लगातार सेवा दे रहे थे। सत्येंद्र खन्ना अमरीका के बेहतरीन सर्जन थे, जबकि प्रिया न्यूजर्सी के ही अस्पताल में नेफ्रोलॉजी की एक्सपर्ट थीं।
अमरीका में अब तक 75 हजार से अधिक की मौत
आपको बता दें कि अमरीका में कोरोना का असर दुनिया के बाकी देशों की तुलना में सबसे अधिक पड़ा है। अमरीका में दुनियाभर में सबसे अधिक मौतें हुई है। कोरोना ने अब तक 75 हजार से अधिक की जान अमरीका में ली है, जबकि 13 लाख से अधिक लोग इस वायरस से पीड़ित हैं।
ऐसा माना जा रहा है कि जून-जुलाई में अमरीका में कोरोना का खतरा और भी व्यापक तौर पर बढ़ सकता है। एक अनुमान है कि इन दोनों महीनों में अमरीका में हर दिन 2 लाख से अधिक मामले सामने आएंगे और हर दिन करीब 3 हजार लोगों की मौत होगी। यही कारण है कि पूरी दुनिया में कोरोना को लेकर संकट गहराता जा रहा है।