अमरीकी थिंक टैंक की रिपोर्ट : चीन को पछाड़ने में अमरीका के लिए भारत सबसे अहम

– ड्रैगन के बढ़ते प्रभुत्व को रोकना चाहता है अमरीका।
भारत के पास अत्यधिक कुशल तकनीकी पेशेवर होना और दोनों देशों में मजबूत राजनीतिक व सांस्कृतिक संबंध होना इसकी वजह हैं।

<p>अमरीकी थिंक टैंक की रिपोर्ट : चीन को पछाड़ने में अमरीका के लिए भारत सबसे अहम</p>

वाशिंगटन । चीन के बढ़ते प्रभुत्व को रोकने के लिए अमरीका की नजर में भारत सबसे महत्त्वपूर्ण देश है। भारत के पास अत्यधिक कुशल तकनीकी पेशेवर होना और दोनों देशों में मजबूत राजनीतिक व सांस्कृतिक संबंध होना इसकी वजह हैं। यह रिपोर्ट अमरीकी थिंक टैंक इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फाउंडेशन ने जारी की है। एक पहलू यह भी है, अगर दोनों देशों के बीच बौद्धिक सम्पदा, डेटा संचालन व अन्य मतभेद पैदा होते हैं तो आइटी क्षेत्र की कंपनियां आड़े आ सकती हैं।

यों समझें, चीन को रोकने लिए भारत क्यों जरूरी-
रिपोर्ट के सह लेखक डेविड मोशेला का कहना है अमरीका और चीन के बीच मतभेद बढ़ाने वाली ताकतें अमरीका व भारत को निकट ला रही हैं। अमरीका, भारत व चीन के संबंध कई दशकों तक वैश्विक प्रतिद्वंद्विता, आइटी क्षेत्र में अत्याधुनिक सस्ती तकनीकी व डिजिटल उपकरणों को आकार देंगे। ऐसे में अमरीका को चीन से मुकाबला करने और उस पर निर्भरता को कम करने के लिए भारत का साथ चाहिए। बिना इसके चीन को रोकना मुश्किल है।

रिसर्च एंड डवलपमेंट, प्रोडक्ट डिजाइन में आगे –
भारत अनुसंधान व विकास, नवोन्मेष केंद्रों, मशीनों संबंधी जानकारी, विश्लेषण, नए उत्पाद के लिए डिजाइन व जांच में बहुत तेजी से काम कर रहा है। इसमें सूचना प्रौद्योगिकी, जीव विज्ञान समेत विभिन्न क्षेत्र शामिल हैं।

बीजिंग नहीं, दिल्ली मॉडल देखेगी दुनिया-
रिपोर्ट का एक परिदृश्य यह भी है कि चीन के कारण आर्थिक, सैन्य और अंतरराष्ट्रीय संबंध से जुड़ी चुनौतियां बढऩे के बीच भारत-अमरीका के हित समान हों। ऐसे में व्यापारिक व अन्य मामलों में विकासशील देश बीजिंग मॉडल की बजाय दिल्ली मॉडल को देखेंगे।

…अमरीका कुछ नहीं कर पाएगा-
रिपोर्ट में कहा है कि यदि भारत-चीन के बीच तनाव कम हो जाए, दोनों देशों के बीच कारोबारी संबंध मजबूत हों तो ऐसी स्थिति में वैश्विक अर्थव्यवस्था और मजबूत होगी। अमरीका इस बारे में कुछ खास नहीं कर पाएगा।

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