डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि पेंसिलवेनिया में चुनाव ( Election In Pennsylvania ) के दौरान हुए धोखाधड़ी का उनके पास पर्याप्त सबूत है और वे एक बार फिर से कोर्ट में इसे चुनौती देंगे। बता दें कि शुक्रवार को यूएस कोर्ट ने एक ऑफ अपील्स फॉर द थर्ड सर्किट ने पेंसिलवेनिया में ट्रंप के कथित चुनावी धोखाधड़ी के आरोपों को खारिज कर दिया था और कहा था कि राष्ट्रपति देश की जनता चुनती है, वकील नहीं। सिर्फ आरोप लगाने भर से नहीं होता है, बल्कि आरोपों के समर्थन में सबूत देने होते हैं।
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उनके अभियान टीम की ओर से चुनौती दी जा रही मतपत्रों की संख्या जीत के अंतर (81 हजार) की तुलना में कहीं अधिक है। लिहाजा अब उनकी टीम फिर से अपील करेगी। ट्रंप की वरिष्ठ कानूनी सलाहकार जेना एलिस ने कहा कि राष्ट्रपति की टीम पेंसिलवेनिया मामले को सुप्रीम कोर्ट में लेकर जाएगी।
ट्रंप ने शनिवार को ट्वीट करते हुए लिखा ‘पेंसिलवेनिया में मतपत्रों की धोखाधड़ी बहुत बड़ी है। धोखाधड़ी इस मामले का एक बड़ा हिस्सा है। दस्तावेज तैयार किए जा रहे हैं। हम अपील करेंगे।’ उन्होंने आगे कहा ‘पेंसिलवेनिया मामले में आरोपों को लेकर हमारे पास पुख्ता सबूत हैं। कुछ लोग इसे देखना नहीं चाहते हैं। वे हमारे देश को बचाने के लिए कुछ नहीं करना चाहते हैं। यह दुखद है।’ आपको बता दें कि इस सप्ताह की शुरुआत में पेंसिलवेनिया के अधिकारियों ने चुनाव परिणाम प्रमाणित किए हैं और बताया कि जो बिडेन 80,000 से अधिक वोटों से जीत गए हैं।
ट्रंप ने चुनाव परिणाम को दी थी चुनौती
आपको बता दें कि बीते दिनों ट्रंप के अभियान टीम ने पेंसिलवेनिया के चुनाव परिणाम में धांधली को लेकर कोर्ट में अपील की थी। इस पर सुनवाई करते हुए संघीय अदालत ने डोनाल्ड ट्रंप के दावे को खारिज कर दिया और कहा कि हम बिडेन की जीत पर रोक नहीं लगा सकते हैं, क्योंकि देश की जनता राष्ट्रपति चुनती है, वकील नहीं।
पेसिंलवेनिया की अदालन ने ट्रंप के चुनाव अभियान समिति की ओर से दाखिल की गई दलीलों की समीक्षा करते हुए चुनाव में धोखाधड़ी होने के तमाम आरोपों को खारिज कर दिया। कोर्ट ने निर्णय देते हुए कहा कि निष्पक्ष चुनाव लोकतंत्र के लिए जरूरी हैं। गड़बड़ी के मामले गंभीर होते हैं, लेकिन बिना कोई सबूत के आरोप लगाना उससे भी ज्यादा गंभीर है।
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तीन जजों की बेंच ने सुनवाई करते हुए सर्वसम्मति से कहा कि ट्रंप अभियान की ओर से धोखाधड़ी और अनुचित कार्यवाही के आरोपों के पक्ष में कोई सबूत नहीं दिए गए, इसलिए उनके दावे को खारिज किया जाता है।