US: Donald Trump की बढ़ेगी मुश्किल, पद से हटाने की तेज हुई मांग

उपराष्ट्रपति माइक पेंस अनुच्छेद 25 के तहत कार्रवाई के पक्ष में नहीं
नैंसी पेलोसी ने कहा- ट्रंप को अब कुछ भी करने की इजाजत नहीं
रिपब्लिकन सीनेटर और सीनेट स्पीकर ट्रंप को पद से हटाने की मांग पर अड़े, कैबिनेट के दो सदस्यों का इस्तीफा

<p>डोनाल्ड ट्रंप </p>
नई दिल्ली। अमरीकी संसद पर हमले के बाद राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ( Donald Trump ) पर मुश्किलें बढ़ने के संकेत मिलने लगे हैं। उन्हें पद से हटाने की मांग तेज हो गई है, उनकी ही पार्टी के सीनेटर इसका समर्थन कर रहे हैं। सीनेट स्पीकर नैंसी पेलोसी ने ट्रंप पर महाभियोग चलाने की मांग को लेकर रिपब्लिकन नेताओं व कैबिनेट के सहयोगियों के साथ विचार-विमर्श किया। इस बीच कैबिनेट के दो सहयोगियों ने इस्तीफा दे दिया।
दूसरी ओर, ट्रंप ने एक वीडियो जारी कर घटना को दुखद बताया और संसद की सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश देने की बात कही। हालांकि पहले ट्रंप ने हिंसा की निंदा करने से इनकार किया था।
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सीनेट स्पीकर कार्रवाई पर अड़ी, पेंस ने हाथ खींचे
हिंसा के बाद डेमोक्रेटिक व रिपब्लिकन पार्टियों के सांसद राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को हटाने की मांग कर रहे हैं। ट्रंप की ही पार्टी रिपब्लिकन के करीब 100 सांसद घटना के लिए उन्हें ही जिम्मेदार ठहरा चुके हैं। दूसरी ओर सीनेट स्पीकर नैंसी पेलोसी ट्रंप पर महाभियोग चलाने की मांग को लेकर रिपब्लिकन नेताओं व कैबिनेट के सहयोगियों के साथ विचार-विमर्श कर चुकी हैं।
उन्होंने कहा कि यदि ट्रंप को नहीं हटाया गया तो प्रतिनिधि सभा उनके खिलाफ दूसरा महाभियोग प्रस्ताव लाने पर विचार करेगी। हालांकि उप राष्ट्रपति माइक पेंस नहीं चाहते कि ट्रंप के खिलाफ संविधान के अनुच्छेद 25 का प्रयोग कर उन्हें हटाया जाए।
माइक पेंस को जवाब देते हुए नैंसी पेलोसी ने कहा कि क्या वे इस बात के लिए तैयार हैं कि अगले 13 दिन में यह खतरनाक शख्स हमारे देश को नुकसान पहुंचाने के लिए कुछ भी कर सके। ट्रंप को अब कुछ भी करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है।

क्यों पीछे हट रहे पेंस
अगर ट्रंप को पद से हटाया जाता है तो उप राष्ट्रपति माइक पेंस को राष्ट्रपति पद की जिम्मेदारी मिलेगी। हालांकि उनका कार्यकाल सिर्फ 20 जनवरी को नए राष्ट्रपति जो बाइडन के शपथ लेने तक ही रहेगा। दूसरी आशंका यह भी है कि अगर ट्रंप को हटाया गया तो विरोध ज्यादा तेज हो सकता है।
ऐसे में पेंस इन घटनाओं के लिए खुद को जिम्मेदार नहीं बनाना चाहते हैं। हालांकि संसद में घुसे प्रदर्शनकारियों ने पेंस को भी निशाना बनाने का प्रयास किया था, लेकिन सुरक्षाबलों ने उन्हें और उनके परिवार को सुरक्षा घेरे में ले लिया था।
मामले की खास बातें
— अगले 30 दिन सात फीट की जालीदार बाउंड्री के घेरे में होगी पूरी राजधानी
— शहर के सभी एंट्री पॉइंट्स पर कड़ी सुरक्षा होगी, जांच के बाद प्रवेश
— 30 दिन तक लगी रहेगी जाली, इनको पार करना अब आसान नहीं
— 6200 नेशनल गार्ड शहर के सुरक्षा में लगे, 4 राज्यों की पुलिस मांगी

विशेषाधिकार : ट्रंप खुद को कर सकते हैं माफ
अमरीकी संविधान में प्रावधान है कि राष्ट्रपति खुद की गलतियां माफ कर सकता है। आशंका है कि हिंसा के जिम्मेदार ठहराए जाने व महाभियोग लाने से पहले डॉनल्ड ट्रंप खुद को माफ करने का आदेश जारी कर सकते हैं। इस आदेश के बाद ट्रंप पर हिंसा भड़काने के आरोप में केस नहीं चलाया जा सकेगा।
हालांकि ट्रंप का कार्यकाल पूरा होने में दो सप्ताह से भी कम समय रह गया है। इसके अलावा ट्रंप अपने पर चल रहे दूसरे मामलों में माफी दे सकते हैं। अमरीका में राष्ट्रपति को यह विशेषाधिकार है और वह जिन मामलों में खुद को माफ कर लेते हैं, उनमें दोबारा सुनवाई नहीं हो सकती है।
कई मंत्रियों समेत पुलिस प्रमुख का इस्तीफा
कैपिटल हिंसा को लेकर ट्रंप प्रशासन से इस्तीफों का दौर जारी है। कैपिटल पुलिस प्रमुख स्टीवन संड ने कहा कि वह संसद परिसर में ट्रंप समर्थकों को घुसने से रोकने में नाकाम रहे। इसलिए इस माह पद से इस्तीफा दे देंगे।
ट्रंप कैबिनेट में शिक्षा मंत्री बिट्सी डेवास व परिवहन मंत्री इलेन चाओ ने शुक्रवार को इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले डिप्टी नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर मैट पोटिंगर, मेलानिया ट्रंप की चीफ ऑफ स्टाफ स्टेफनी ग्रिशेम और व्हाइट हाउस की डिप्टी प्रेस सेके्रटरी साराह मैथ्यू इस्तीफा दे चुके हैं।
कोच्चि का था तिरंगा लहराने वाला शख्श
अमरीकी संसद में हिंसा व प्रदर्शन के दौरान तिरंगा लहराने वाला शख्स केरल के कोच्चि का विन्सेंट जेवियर था। उनका कहना है कि वह ट्रंप के समर्थन में गए थे। वह उपद्रवियों के साथ नहीं थे।
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सात फीट की जालीदार दीवार के घेरे में राजधानी
अमरीकी संसद भवन में हिंसा के बाद परिसर व आसपास सुरक्षा पुख्ता कर दी गई है। शहर की सीमा पर 7 फीट ऊंची जाली लगाई जा रही है। यह 30 दिन तक रहेगी। सत्ता हस्तांतरण के दिन कोई भी जबरन प्रवेश नहीं कर सके। शहर में सुरक्षा के लिए 6200 नेशनल गाड्र्स तैनात किए गए हैं।
चार और राज्यों से पुलिसकर्मी भी बुलाए गए हैं। शहर के सभी एंट्री प्वाइंट्स पर पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था रहेगी। जो बाइडन के शपथ ग्रहण के दिन कड़ी सुरक्षा जांच के बिना कोई भी व्यक्ति प्रवेश नहीं कर सकेगा।
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