वैज्ञानिकों को ये डर सताने लगा है कि वर्तमान में मौजूद कोरोना वैक्सीन के असर को कहीं ये वायरस बेअसर न कर दे। यदि ऐसा होता है तो फिर दुनिया में भारी तबाही मच सकती है। लाखों लोगों की जान इस वायरस की वजह से जा सकती है। बताया जा रहा है कि अमरीका के ओरिगॉन में ब्रिटेन में मिले वायरस का नया प्रकार मिला है, जो पहले से भी अधिक खतरनाक है।
सबसे चिंता की बात ये है कि इस नए प्रकार के कोरोना वायरस एक नए म्यूटेशन के साथ मिला है, जिसके कारण वैक्सीन का प्रभाव कम होने की पूरी संभावना है। इस बीच जानकारों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों से सतर्क रहने और कोरोना वायरस को लेकर बुनियादी सावधानियों का पालन करने को कहा है।
अमरीका में तेजी से बढ़ सकते हैं संक्रमण के नए मामले
बताया जा रहा है कि शोधकर्ताओं को अब तक ऐसे कॉम्बिनेशन वाला सिर्फ एक ही मामला मिला है, लेकिन शोधकर्ताओं को जैनेटिक एनालिसिस करने पर पता चला है कि ये नया वैरिएंट समुदायों में फैल चुका है। यह किसी एक व्यक्ति में तैयार नहीं हुआ है। ओरिगॉन हेल्थ एंड साइंस यूनिवर्सिटी के ब्रायन ओ रॉक का कहना है कि ये वैरिएंट अचानक सामने आया है।
इससे पहले ब्रिटेन में मिले B.1.1.1.7 वैरिएंट तेजी के साथ अमरीका में लोगों को अपना शिकार बना रहा है। यह नया स्ट्रेन वास्तविक कोरोना वायरस से बहुत अधिक खतरनाक है। ऐसे में ये अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले कुछ हफ्तों में इस नए वैरिएंट्स के कारण अमरीका में भारी संख्या में नए मामले सामने आएंगे।
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विशेषज्ञों के अनुसार, ओरिगॉन में मिले नए प्रकार के वायरस में इसी तरह की चीज के साथ एक म्यूटेशन (E484K या Eek) भी शामिल है, जो कि दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील और न्यूयॉर्क शहर में फैल रहे वायरस में भी देखने को मिला है।
दक्षिण अफ्रीका में हुए क्लीनिकल ट्रायल्स में पता चला है कि Eek म्यूटेशन इम्यून प्रतिक्रिया को नुकसान पहुंचाकर मौजूदा वैक्सीन को कम असरदार बनाता है। ब्रिटने में सामने आए Eek के साथ B.1.1.7 वैरिएंट को वैज्ञानिक ‘चिंता का कारण’ मान रहे थे। अब फाइजर-बायोएनटेक और मॉडर्ना ने मौजूदा वैक्सीन के नए वर्जन की टेस्टिंग शुरू कर दी है।