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सड़कों पर उतर आए थे लोग
गौरतलब है कि 25 मई 2020 को फ्लॉयड की पुलिस कार्रवाई के दौरान मौत हो गई थी। इसे एक नस्लीय हमले के रूप में देखा गया। इसके बाद अमरीका की सड़कों पर लोग उतर आए। उन्होंने जमकर सरकार के खिलाफ नारे लगाए। हालात यहां तक पहुंच गए थे कि पूर्व ट्रंप सरकार को विरोध दबाने के लिए पुलिस और सेना का सहारा लेना पड़ा। इस दौरान कई राज्यों में पुलिस के साथ आम लोगों की झड़प हुई।
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क्या है मामला
अमरीका की एक अदालत ने अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या के मामले में एक पूर्व पुलिसकर्मी को दोषी ठहराया है। गौरतलब है कि बीते साल में पुलिसकर्मी डेरेक चॉविन ने जॉर्ज फ्लॉयड की गर्दन को अपने घुटने से दबाए रखा था। लगातार नौ मिनट तक गर्दन दबने के बाद जॉर्ज की मौके पर ही मौत हो गई थी। इस घटना का वीडियों खूब वायरल हुआ था। इस दौरान अमरीका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने सभी अमरीकी सांसदों से यह निवेदन किया कि वे ‘जॉर्ज फ्लॉयड जस्टिस इन पुलिसिंग एक्ट’ को पास करें। हैरिस ने कोर्ट के फैसले पर कहा कि न्याय का पैमाना न्याय मिलने के समान नहीं है। इस फैसले ने हमें उस दिशा में एक कदम करीब पहुंचाया है।