GSA की प्रशासक एमिली मर्फी के बहुप्रतीक्षित निर्णय के बाद जो बिडेन को मान्यता दी गई है। अब जो बिडेन की टीम की पहुंच संघीय संसाधनों, विभिन्न संघीय एजेंसियों और खुफिया जानकारियों तक होगी। जो बिडेन 20 जनवरी को अमरीका के 46वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेंगे।
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बता दें कि अमरीका में राष्ट्रपति चुनाव के बाद बदलाव की प्रक्रिया को औपचारिक रूप से आगे बढ़ाने यानी की सत्ता हस्तांतरण करवाने की जिम्मेदारी GSA की होती है। अब से पहले तक चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए डोनाल्ड ट्रंप अपनी हार को स्वीकार नहीं कर रहे थे और ये कहते आ रहे थे कि उन्होंने चुनाव जीता है।
हालांकि अब ट्रंप ने अपनी हार को स्वीकार करते हुए एमिली मर्फी से ये कहा था कि वे सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया के लिए जो भी आवश्यक कदम हो उसे आगे बढ़ा सकती हैं। लेकिन उन्होंने यह भी कहा था कि वे अभी हार नहीं माने हैं।
ट्रंप ने सत्ता हस्तांतरण की सिफारिश की
बता दें कि पिछले दो सप्ताह से अधिक समय से एमिली मर्फी डेमोक्रेटिक नेताओं, राष्ट्रीय सुरक्षा विशेषज्ञों और स्वास्थ्य अधिकारियों के निशाने पर थीं। आलोचकों का कहना था कि मर्फी ट्रंप के दबाव में सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू नहीं कर रही हैं। हालांकि अब उन्होंने इन सभी आरोपों को खारिज कर दिया और कहा है कि व्हाइट हाउस या किसी और का कहीं से भी उनपर कोई दबाव नहीं था।
आलोचकों ने कहना था कि सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया में देरी की वजह से कोरोना महामारी और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों पर बिडेन प्रशासन की ओर से किए जा रहे प्रयास बाधित हो रहे हैं। इसके बाद मर्फी ने बिडेन के नाम ‘मान्यता पत्र’ में लिखा कि ट्रंप प्रशासन बदलाव की औपचारिक प्रक्रिया शुरू करने के लिए तैयार है।
इससे पहले ट्रंप ने एक ट्वीट करते हुए कहा कि वह GSA और अपने प्रशासन में अन्य को राष्ट्रपति की शक्ति के औपचारिक स्थानांतरण के लिए ‘‘शुरुआती प्रोटोकॉल’’ शुरू करने की सिफारिश कर रहे हैं। हालांकि मर्फी ने कहा कि उन्होंने कानून और उपलब्ध तथ्यों के आधार पर स्वतंत्र रूप से निर्णय लिया है। इधर, जो बिडेन की टीम ने मर्फी के इस फैसले का स्वागत किया है।