America: अपहरण व हत्या के मामले में 70 साल बाद किसी महिला को मिली मौत की सजा

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First Federal Execution In America After 70 Year: अमरीका की एक अदालत ने 70 साल बाद एक महिला को अपहरण व हत्या के मामले में मौत की सजा सुनाई है।
महिला को अगले 8 दिसंबर को जानलेवा इंजेक्शन देकर मृत्युदंड दिया जाएगा।

<p>America: First Federal Execution Of A Woman After 70 years In Case Of Kidnapping And Murder</p>

न्‍यूयॉर्क। दुनिया के तमाम देशों में किसी भी तरह के अपराध करने वालों के खिलाफ अलग-अलग तरह की सख्त सजा का प्रावधान है। कई देशों में कुछ मामलों में मौत की सजा तक का भी कानून है। हालांकि बहुत कम ऐसे देश हैं जहां पर कानून होने के बावजूद मौत की सजा ( Death Panalty ) दी जाती है, खासकर महिलाओं को।

ऐसा ही कुछ मामला अमरीका से सामने आया है। अमरीका में 70 साल बाद एक महिला को मौत ( America Woman Execution ) की सजा सुनाई गई है। कोर्ट ने महिला को अपहरण और हत्या के मामले में दोषी करार दिया है। अब महिला को अगले 8 दिसंबर को जानलेवा इंजेक्शन देकर मृत्युदंड दिया जाएगा।

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बता दें कि अमरीका में अदालत से मौत की सजा पाए व्यक्ति को इंजेक्शन देकर मृत्युदंड दिया जाता है, जबकि भारत व अन्य देशों में फांसी दी जाती है। वहीं अलग-अलग देशों में मृत्युदंड के लिए अलग-अलग तरह से सजा दी जाती है।

अमरीका की एक अदालत ने एक गर्भवती महिला के पेट को काटकर शिशु के अपहरण और महिला की हत्या का दोषी ( Guilty Of Strangling A Pregnant Woman ) करार देते हुए यह सजा सुनाई है। सुनावई के दौरान बचाव पक्ष के वकील ने तमाम दलीलें पेश की, लेकिन जज ने तथ्यों और सबूतों के आधार पर आरोपी महिला को मौत की सजा सुनाई है।

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ये है पूरा मामला

आपको बता दें कि यह मामला 2004 का है। पुलिस के मुताबिक, 36 वर्षीय आरोपी महिला लिसा मांटगोमेरी ( Lisa Montgomery ) पालतु कुत्ता खरीदने के बहाने से मिसौरी स्थित स्टीनेट के घर पहुंची। 23 वर्षीय स्टीनेट 8 महीने की गर्भवती थीं।

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लिसा ने स्टीनेट के घर पर ही रस्सी से गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद उसका पेट फाड़कर बच्चे को लेकर फरार हो गई। जब ये मामला सामने आया तो पुलिस ने केस दर्ज करते हुए तहकीकात शुरू की और फिर मोंटगोमरी को पकड़ लिया। मिसौरी स्थित कोर्ट में लंबी सुनवाई के बाद लिसा ने अपना जुर्म कबूल कर लिया।

घटना के चार साल बाद यानी 2008 में कोर्ट ने लिसा को अपहरण व हत्या का दोषी करार दिया। लिसा के वकील ने उसे बचाने के लिए तमाम तरह की दलीलें दी। वकील ने कहा कि लिसा बीमार रहती हैं, लेकिन कोर्ट ने एक भी बात नहीं सुनी और तथ्यों व साक्ष्यों के साथ लिसा के कबूलनामे के बाद मौत की सजा सुनाई।

20 साल बाद मौत की सजा बहाल

आपको बता दें कि अमरीका में करीब तीन महीने पहले ही मौत की सजा को फिर से बहाल किया गया है। 20 साल पहले मौत की सजा पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। लिसा मांटगामेरी 9वीं संघीय कैदी हैं जिसे मौत की साज दी जाएगी।

अमरीका में 1953 में पहली बार किसी महिला को मौत की सजा दी गई थी। डेथ पेनल्‍टी इनफार्मेशन सेंटर के मुताबिक, अमरिका में फांसी की सजा पा चुके दोषियों में 2 फीसदी महिलाएं हैं।

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गौरतलब है कि कुछ सप्ताह पहले ही 17 वर्षों में पहली बार किसी को फांसी की सजा दी गई। श्वेत वर्चस्ववादी व हत्या के अरोपी डेनियल लुईस ली को घातक इंजेक्शन देकर मृत्युदंड दिया गया था। इससे पहले 18 मार्च, 2003 को संघीय स्तर पर आखिरी बार मौत की सजा दी गई थी। इसके बाद से अमरीका में मौत की सजा पर बैन लगा दिया गया था। हालांकि, ट्रंप प्रशासन ने सियासी विरोध के बावजूद जुलाई 2019 में एक बार फिर से संघीय स्तर पर मृत्युदंड को बहाल किया था।

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