किसानों के सबसे बड़े दुश्मन यहां भी कर सकते हैं हमला, बचने के लिए करें ये जरूरी उपाय

Locust attack: सरगुजा संभाग में भी हो सकता है टिड्डियों का हमला, फसलों के लिए होते हैं बेहद खतरनाक

<p>Locust attack</p>
अंबिकापुर. राजमोहिनी देवी कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र के अधिष्ठाता डॉ. व्हीके सिंह ने बताया कि मध्यप्रदेश के सीधी जिले से टिड्डी कीट आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि टिड्डियों का एक दल सिंगरौली की तरफ बढ़ गया है, जिससे छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती जिले कोरिया, सूरजपुर एवं बलरामपुर प्रभावित हो सकते हैं।
डॉ. व्हीके सिंह ने बताया कि टिड्डी कीट लगभग दो से ढाई इंच लम्बा कीट होता है। यह समूह मे रहते हैं। टिड्डी दल किसानों का सबसे बड़ा शत्रु है। टिड्डियां 1 दिन में 100 से 150 किलोमीटर की दूरी तय कर सकती हैं, हालांकि इनके आगे बढऩे की दिशा हवा की गति पर निर्भर करती है।
टिड्डी दल सामूहिक रूप से लाखों की संख्या में झुंड, समूह बनाकर पेड़- पौधे एवं वनस्पतियों को भारी नुकसान पहुंचाते हैं। टिड्डी दल 15 से 20 मिनट में फसल के पत्तियों को पूर्ण रूप से खाकर नष्ट कर सकते हैं। यह सभी प्रकार के हरे पत्तों पर आक्रमण करते हैं। टिड्डी दल किसी क्षेत्र में शाम 6 से 8 बजे के आसपास पहुंचकर जमीन पर बैठ जाते हैं।
टिड्डी दल शाम के समय समूह में पेड़ों, झाडिय़ों एवं फसलों पर बसेरा करते हैं और वही पर रात गुजारते हैं तथा रात भर फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं और फिर सुबह 8 से 9 बजे के करीब उड़ान भरते हैं। अंडा देने की अवधि में इनका दल एक स्थान पर 3 से 4 दिन तक रुक जाता है।
बड़े आकार का टिड्डी दल राजस्थान राज्य से होते हुए मध्य प्रदेश से सटे बुंदेलखंड क्षेत्र की तरफ से उत्तर प्रदेश में प्रवेश कर चुका है। उन्होंने किसानों का आह्वान करते हुए कहा कि यदि क्षेत्र में टिड्डी दल दिखाई देता है तो तत्काल अपने क्षेत्र के कृषि विभाग के अधिकारियों व प्राविधिक सहायकों, सलाहकारों अथवा कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों से संपर्क करें।

सतर्कता बरतने के निर्देश जारी
भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के टिड्डी चेतावनी संगठन ने टिड्डी के संबंध में सतर्कता बरतने के संबंध में दिशा निर्देश जारी किए हैं। दिशा निर्देश में कहा गया है कि अगर आस-पास टिड्डी दल दिखें या उनके बारे में कुछ खबर मिले तो निकटतम टिड्डी कार्यालय, पुलिस थाना, राजस्व कार्यालय, ग्राम पंचायत, विद्यालय, डाक घर या कोई भी शासकीय कार्यालय को सूचित करें।
रासायनिक नियंत्रण है जरूरी
टिड्डी दल शाम को 6 से 7 बजे के आसपास जमीन पर बैठ जाता है और फिर सुबह 8 से 9 बजे के करीब उड़ान भरता है। अत: इसी अवधि में इनके ऊपर शक्ति (ट्रैक्टर) चालित स्प्रेयर की मदद से कीटनाशक दवाइयों का छिडक़ाव करके इनको मारा जा सकता है। रसायन के छिडक़ाव का सबसे अच्छा समय रात्रि 11 से सुबह 8 बजे तक होता होता है।

टिड्डी दल से बचाव के लिए ये सावधानी
1. टिड्डी दल का समूह जब भी आकाश में दिखाई पड़े तो उनको उतरने से रोकने के लिए तुरंत अपने खेत के आसपास मौजूद घास-फूस का उपयोग करके धुआं करना चाहिए। आग जलाना चाहिए जिससे टिड्डी दल आपके खेत में ना बैठकर आगे निकल जाएगा।
2. टिड्डी दल दिखाई देते ही ध्वनि विस्तारक यंत्रों के माध्यम से आवाज कर उनकों अपने खेत पर बैठने न दें। अपने खेतों मे पटाखे फोडक़र, थाली बजाकर, ढोल-नगाड़े बजाकर आवाज करें, टैक्टर के साइलेसंर को निकाल कर भी तेज ध्वनि कर सकते हैं।
3. कल्टीवेटर या रोटावेटर चलाकर के टिड्डी को तथा उनके अंडों को नष्ट किया जा सकता है। प्रकाश प्रपंच लगाकर एकत्रित करके नष्ट कर सकते हैं।

बिहारपुर-चांदनी क्षेत्र पर विशेष नजर
टिड्डी दल के हमले के मद्देनजर सूरजपुर जिले में कृषि विभाग सर्तक हो गया है। विभाग की नजर खास तौर पर मध्यप्रदेश की सीमा से लगे ओडग़ी ब्लाक के दूरस्थ अंचल बिहारपुर चांदनी क्षेत्र पर है। जहां मैदानी कर्मचारियों को मुख्यालय में रहने को कहा गया है। ज्ञ मध्यप्रदेश के सतना, रींवा व सीधी जिलो में इन टिड्डियों की दस्तक की खबरों के बीच यहां कृषि विभाग सीधी जिला के बार्डर से लगे गांवो में सर्तकता बढ़ा दी है।
टिड्डी दल के हमले को लेकर यूं तो राज्य शासन की ओर से ही सभी जिलो में सर्तकता बढ़ाए जाने के निर्देश जिला प्रशासन को दिए गए है। कृषि विभाग ने शासन के निर्देशानुसार जिले के सभी ब्लाको में सर्तकता बढ़ा दी है। लेकिन विभाग ने जिले के ओडगी ब्लाक के चांदनी क्षेत्र पर विशेष नजर बनाए हुए है। चूंकि यह इलाका मध्यप्रदेश की सीमा से लगा हुआ है और समूचा क्षेत्र जंगलो से आच्छादित है।
लिहाजा टिड्डी दल के लिए माकूल क्षेत्र माना जा रहा है। ऐसे में कृषि विभाग विशेष सतर्कता बरतते हुए इस क्षेत्र के समूचे मैदानी कर्मचारियों को जहां मुख्यालय में रहने को कहा गया है। वहीं एहतियातन तैयारी भी शुरू कर दी गई है। कृषि विभाग ने जहां कीटनाशक दवा व स्पेयर पंप तैयार रखने को कहा है वहीं टिड्डी दल से निपटने के लिए अग्निशामक यंत्र के लिए भी पत्र लिखा गया है, ताकि समय रहते इन टिड्डी दल को रोका जा सके।
दोहरी मुसीबत जैसा साबित हो सकता है
वैसे भी इस वर्ष चांदनी समेत समूचे जिले के किसान मौसम की बेरूखी की मार झेल रहें है। ऐसे में टिड्डी दल का हमला उन पर दोहरी मुसीबत जैसा साबित हो सकता है। ऐसे में किसानो को बचाने के लिए कृषि विभाग सतर्क तो है पर देखना दिलचस्प यह होगा कि अगर टिड्डी दल यहां दस्तक देता है तो इन्हे रोकने में भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबा कृषि विभाग कितना सफल हो पाता है। अबतक जिले की स्थिति पर गौर करें तो कृषि विभाग किसानों के उत्थान में हवा हवाई ही दावे करते नजर आया है। जिसे लेकर किसानो में यहां रोष की स्थिति बनी रहती है।
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