कर्मचारियों ने ज्ञापन के माध्यम से अवगत कराया है कि कोविड महामारी (Corona virus) के आपात काल में हमने शासन के निर्देशानुसार पूरी निष्ठा एवं लगन से कार्य किया है और लोगों की जिंदगी अपनी जान जोखिम में डालकर बचाई है। इस नौकरी के जरिये हम सभी कर्मचारियों के परिवार का जीवनयापन हो रहा है जिसकी समाप्ति पर सभी के जीवन में अनेक परेशानियां होगी।
जब हमारी नियुक्ति हुई उस से पहले हम अलग-अलग निजी संस्थाओं (Private institute) में कार्य कर रहे थे जहां से हमने इस्तीफा देकर कोविड- 19 के लिए आमंत्रित पदों में आवेदन देकर ड्यूटी शुरू की थी। हमें उम्मीद थी कि संकट के समय में हम लोगों की सेवा कर रहे है तो आने वाले भविष्य में हमें एक रोजगार या नियमित किया जाएगा।
इसी आशा एवं विश्वास के साथ कड़ी मेहनत कर के हम सब ने सेवा दी, इसी दौरान हमारे कई साथी कोरोना वायरस से संक्रमित भी हुए और जान भी गंवाई, लेकिन हमने हिम्मत नहीं हारी और निरतर सेवा जारी रखा।
कभी भी सेवा समाप्ति का जारी किया जा सकता है आदेश
कर्मचारियों ने कहा कि अब हमारी जरूरत नहीं है तो कभी भी सेवा समाप्ति का आदेश जारी किया जा सकता है, जबकि प्रदेश में स्वास्थ्यकर्मियों की कमी अभी भी बरकरार है। कर्मचारियों ने स्वास्थ्य मंत्री को ज्ञापन सौंपकर सभी का भविष्य देखते हुए पद पर यथावत रख कर नियमित करने की मांग की है।